कर छापे सिर्फ शीर्ष आयकर अधिकारियों की मंजूरी पर मारे जाएं : सरकार
नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। अनाधिकृत आयकर सर्वेक्षण और छापे पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार अब एक आदेश लेकर आई है कि केवल आयकर महानिदेशक (जांच) और आयकर आयुक्त (टीडीएस) आयकर छापे को मंजूरी दे सकते हैं।
एक आदेश में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने निर्देश दिया है कि जांच निदेशालय और टीडीएस के आयुक्तों के रूप में तैनात अधिकारी, केवल आयकर अधिनियम 133ए के तहत सर्वे की शक्ति के प्रयोजनों के लिए आयकर प्राधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।
आदेश में कहा गया, इस तरह के सर्वे एक्शन यू/एस 133ए के अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी जांच विंग और पीआरडी के लिए डीजीआईटी (जांच) और टीडीएस शुल्क के लिए सीसीआईटी/सीसीआईटी (टीडीएस) के रूप में मामला हो सकता है।
यह नोट किया गया कि अधिनियम की धारा 133ए के तहत सर्वे कार्रवाई एक घुसपैठ की कार्रवाई है, यह उम्मीद की जाती है कि इसे पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ किया जाना चाहिए।
आयकर अधिनियम की धारा 133ए के तहत, एक आयकर अधिकारी या आयकर का कोई भी प्राधिकृत निरीक्षक उसे सौंपे गए क्षेत्र की सीमा के भीतर किसी भी स्थान पर प्रवेश कर सकता है।
संबंधित अधिकारी खाते या अन्य दस्तावेजों की पुस्तकों का भी निरीक्षण कर सकता है।
एक अन्य आदेश में सीबीडीटी ने निर्देश दिया है कि सभी मूल्यांकन आदेश फेसलेस असेसमेंट स्कीम 2019 के माध्यम से राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र द्वारा पारित किए जाएंगे।
दोनों आदेश तुरंत प्रभावी होते हैं। यह ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफॉर्म के लॉन्च के मद्देनजर हुआ है।
वीएवी/एसजीके
Created On :   13 Aug 2020 6:30 PM IST