महंगाई में आरबीआई ने दी राहत, रेपो रेट में नहीं किया बदलाव. 6.5 प्रतिशत पर रखा बरकरार

महंगाई में आरबीआई ने दी राहत, रेपो रेट में नहीं किया बदलाव. 6.5 प्रतिशत पर रखा बरकरार
  • 6 जून को शुरू हुई थी एमपीसी की बैठक
  • रेपो दर 6.5 फीसदी पर रखने का फैसला लिया
  • ईएमआई भरने वालों पर नहीं बढ़ेगा कोई बोझ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक तीन दिन के विचार-विमर्श के बाद खत्म हो चुकी है। गुरुवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के फैसले की घोषणा की। जिसके अनुसार, लगातार दूसरी बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी के साथ रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बरकरार है। दास ने कहा कि, समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखने का फैसला किया है। जिससे ईएमआई भरने वालों पर कोई बोझ नहीं बढ़ेगा।

आपको बता दें कि, इससे पहले अप्रैल महीने में हुई बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। वहीं महंगाई के बीच एमपीसी का यह फैसला आमजन को बढ़ी राहत देने वाला है।

तीन दिवसीय बैठक में लिया फैसला

मौद्रिक नीति समिति की बैठक बीते 6 जून को शुरू हुई थी और 8 जून सुबह खत्म हुई। इस दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, CPI मुद्रास्फीति अभी भी 4 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर है और हमारे अनुमानों के अनुसार 2023-24 में इसके बने रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि, भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ने 2022-23 में 7.2% की वृद्धि दर्ज की, जो पहले के 7% के अनुमान से अधिक मजबूत है। यह अपने प्री पैंडेमिक के स्तर को 10.1% से पार कर गया है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया है।

क्या हैं रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट

आरबीआई जिस रेट पर कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे। इससे आपकी जमा पर ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हो जाती है। बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर जिस रेट पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। बैंकों के पास जो अतिरिक्त कैश होता है उसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा दिया जाता है। इस पर बैंकों को ब्याज भी मिलता है।

Created On :   8 Jun 2023 5:44 AM GMT

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