नाबालिग को भगा ले जानेवाले युवक को दस वर्ष की सजा- सत्र न्यायालय का फैसला

नाबालिग को भगा ले जानेवाले युवक को दस वर्ष की सजा- सत्र न्यायालय का फैसला
नाबालिग को भगा ले जाने वाले युवक को दस वर्ष सश्रम कारावास व तीन हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।

डिजिटल डेस्क, भंडारा. नाबालिग को भगा ले जाने वाले युवक को जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायालय के (स्पेशल जज पोक्सो) पी. बी. तिजारे ने दस वर्ष सश्रम कारावास व चार हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। प्रकरण वर्ष 2019 में साकोली तहसील के गांव में घटीत हुआ था। अपराधी का नाम जांभली सडक ग्राम निवासी कमलेश अशोक गायधने (21) बताया जा रहा है। नाबालिग लड़की की मां घटना के समय बीमार थी। जिसके चलते लडकी घर में रहकर काम करती थी। वहीं पिता मजदूरी के काम से बाहर जाते थे। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर कमलेश ने कक्षा दसवीं में अध्ययनरत नाबालिग लड़की को घर से भगा ले गया। इस प्रकरण में लड़की के पिता की शिकायत पर साकोली पुलिस ने आरोपी पर धारा 363, 373 (2) (एन), 376 उपधारा 4, 6 बाल लैंगिक अपराध कानून 12 उपधारा 3 (2), (5), 3 (2) (V) अनुसूचित जाति अपराध प्रबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।इस प्रकरण में तत्कालीन उपविभागिय अधिकारी प्रभाकर तिक्कस के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरिक्षक धीरज खोब्रागडे ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया। न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर सबुत जमा करने शुरू किए।

इस प्रकरण में न्यायालय ने आरोपी को दस वर्ष सश्रम कारावास व तीन हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।

इस प्रकरण में जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी, अपर पुलिस अधीक्षक ईश्वर कातकडे, सहायक पुलिस अधीक्षक सुशांत सिंह, पुलिस उप अधीक्षक (गृह) विजय डोलस, पुलिस निरीक्षक तथा थानेदार राजेशकुमार थोरात के मार्गदर्शन में पुलिस हवालदार चुनारिया ने पैरवी अधिकारी का कार्य संभाला।

Created On :   5 May 2023 8:28 PM IST

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