मुंबई में खरीदे जाएंगे 120 लीटर क्षमता वाले 3 लाख 60 हजार डस्टबिन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कचरा कलेक्शन में आ रही समस्या को देखते हुए मुंबई महानगर पालिका ने120 लीटर क्षमता वाले 3 लाख 60 हजार डस्टबिन खरीदने का निर्णय लिया है। इस पर कुल 19 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका वितरण वार्डों के जरिए किया जाएगा।
मुंबई महानगर पालिका कचरे की समस्या से निपटने के लिए कई अभियान चला रही है। शहर में प्रतिदिन 6000 मैट्रिक टन कचरा डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाता है। मुंबई के डंपिंग ग्राउंड में कचरा फेंकने की क्षमता खत्म हो चुकी है। बावजूद इसके कचरे को उसी डंपिंग ग्राउंड में फेंका जा रहा है। मुंबई में कचरे की विकराल हो चुकी समस्या से निपटने के लिए कचरे को सूखे और गीले कचरे में वर्गीकृत कर अलग किया जा रहा है। गीले कचरे से सोसायटियों में खाद बनाई जा रही है। बीएमसी की इस पहल का ही नतीजा है कि बीते कुछ वर्षों में कचरे की समस्या पर अब काबू पाया जा रहा है।
फुटपाथ और प्रमुख स्थानों पर रखे जाएंगे डस्टबिन
नगरसेवकों के जरिए मनपा सोसायटियों में 120 और 240 लीटर की डस्टबिन वितरित करती रही है। लेकिन पिछले एक साल से महानगर पालिका भंग है। इसलिए अब खरीदे जा रहे डस्टबिन वार्ड के जरिए आवश्यकता के अनुसार फुटपाथ और प्रमुख स्थानों पर कूड़ा डालने के लिए रखे जाएंगे। जरुरत पड़ने पर डस्टबिन सोसायटियों को भी आवंटित किए जाएंगे।
बीएमसी के घनकचरा विभाग ने कचरा प्रबंधन के लिए पिछले महीने 240 लीटर क्षमता वाले कॉम्पेक्टर कार्ट और बंद डस्टबिन खरीदे हैं। बीएमसी ने इन कचरा पेटियों को स्कूलों, अस्पतालों, विभागीय प्रतिष्ठानों आदि में लगाने का भी निर्णय लिया है। पहले चरण में 240 लीटर क्षमता वाले 12000 डस्टबिन खरीदे गए हैं, जिसकी कीमत 2 करोड़ 95 लाख 92 हजार रुपए है।
वितरण के लिए बनाए गए तीन ग्रुप
बीएमसी ने 120 लीटर वाले डस्टबिन को वितरित करने के लिए तीन गुट बनाए हैं। इसमें ए, बी, सी, डी, ई, एफ उत्तर, एफ दक्षिण, जी उत्तर, जी दक्षिण, एच पश्चिम वार्ड को ग्रुप एक में पी दक्षिण, पी उत्तर, एल, एम पश्चिम, एम पूर्व, एन, एस, टी, आर दक्षिण, आर मध्य, आर उत्तर को ग्रुप दो में और तीसरे ग्रुप में एच पूर्व, के पूर्व और के पश्चिम को रखा गया है। प्रत्येक ग्रुप को 1 लाख 20 हजार डस्टबिन की आपूर्ति की जाएगी।
चंदा जाधव, उपायुक्त, घनकचरा विभाग मनपा के मुताबिक कचरे की समस्या से निपटने के लिए वार्डों की मांग के मुताबिक, उन्हें डस्टबिन दिए जा रहे हैं। संबंधित कंपनी वार्डों की आवश्यकता और मांग के अनुसार, डस्टबिन की आपूर्ति करेगी। वार्ड जरूरत के मुताबिक डस्टबिन वितरित करेंगे।
Created On :   8 May 2023 9:13 PM IST