देश में मोटे अनाज का पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है रकबा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, सुनील निमसरकर। केंद्र सरकार बढ़ चढ़कर मोटे अनाज (श्री अन्न) को प्रोत्साहित कर रही है और इसके प्रचार और उत्पादन बढाने पर जोर दे रही है। सरकार के मोटे अनाज की खेती को फिर से करने के आह्वान के बाद किसानों ने भी इसके उत्पादन को बढाने पर ध्यान केंद्रीत किया है और इसके नतीजे भी सामने आने लगे है। देश में मोटे अनाज का रकबा पिछले साल के मुकाबले 0.72 लाख हेक्टेयर बढ गया है।
आंकड़ों के अनुसार पिछले साल इस समय तक ज्वार की 0.16, बाजरा की 3.97, रागी की 0.20 और मक्के की 6.40 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। वहीं इस साल ज्वार की 0.23, बाजरा की 4.59, रागी की 0.12 और मक्के की 6.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त निदेशक का कहना है कि यह बुआई के शुरुआती रुझान है। इसमें और बढ़ोतरी होगी।
महाराष्ट्र में भी बढ़ा रकबा
महाराष्ट्र के 25 जिलों में मोटे अनाज का उत्पादन लिया जाता है। प्रदेश में पिछले साल 2022 के मुकाबले इस साल मोटे अनाज की बुआई का क्षेत्र बढ़ गया है। पिछले साल इस समय तक 0.074 हजार हेक्टेयर में बुआई हुई थी जबकि इस साल 0.152 हजार हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है। इसका मतलब बुआई का क्षेत्र दोगुना हो गया है। गौरतलब है कि दिल्ली में मक्के पर हुई एक परिषद में राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बताया था कि राज्य में 8.5 लाख हेक्टेयर में मक्के की फसल ली जाती थी, लेकिन इस साल इसे बढ़ाया जाएगा।
2022 के मुकाबले 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कम हुई बुआई
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 5 मई तक देश में ग्रीष्मकालीन बुआई पिछले साल इस अवधि में 68.81 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी, लेकिन इस वर्ष गर्मी की फसलों की बुआई 67.72 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। यानी की इस वर्ष इस अवधि 1.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कम बुआई हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल चावल की रोपाई क्षेत्र में 2.15 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है। पिछले साल 29.71 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी, लेकिन इस साल घटकर अब तक 27.56 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। हालांकि दालों के क्षेत्र में 1.16 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है।
Created On :   8 May 2023 8:50 PM IST