Bhandara News: पोर्टल बंद होने से सैकड़ों किसान नहीं करवा पाए धान का पंजीयन

पोर्टल बंद होने से सैकड़ों किसान नहीं करवा पाए धान का पंजीयन
  • मार्केटिंग फेडरेशन के नए नियमों के कारण कई सहकारी समितियां बंद होने की कगार पर
  • अधिकांश केंद्रों पर हो रही केवल धान की गिनती और भंडारण

Bhandara News इस वर्ष दिवाली के बाद भी धान खरीदी केंद्र शुरू हो सके हैं। फलस्वरूप किसानों को परेशानी हो रही हैं। सरकार के निर्देशानुसार ऑनलाइन सातबारा पंजीयन प्रक्रिया शुरू होनी थी। किंतु मार्केटिंग फेडरेशन के गलत नीति के कारण पोर्टल ही बंद है। नतीजतन, किसान धान का पंजीयन नहीं करवा पाए है। सरकारी धान खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह ठप है। किसानों की परेशानियों को देखते हुए अधिकांश धान खरीदी केंद्रों पर केवल धान की गिनती और भंडारण की जा रही हैं।

बता दें कि, पिछले कुछ वर्षों से सरकार ने किसानों के हित में जिले में सैकड़ों धान खरीदी केंद्र शुरू किए थे। सरकार ने 'ब' श्रेणी की शिक्षित बेरोजगार सेवा सहकारी समितियों को धान खरीदी केंद्र स्थापित करने की अनुमति देकर किसानों को बड़ी राहत दी थी। इस वर्ष मार्केटिंग फेडरेशन ने एक नया नियम लागू किया। धान केंद्र हासिल करने के लिए 10 लाख रुपये की बजाए 25 लाख की राशि जमा करने के लिए बाध्य किया है। अन्यथा वह 5 हजार क्विंटल से अधिक धान नहीं खरीद सकते। इन वित्तीय स्थितियों के कारण, छोटी और बेरोजगार सेवा सहकारी समितियां बंद होने की कगार पर हैं। वर्तमान में भंडारा जिले में 236 समितियां धान खरीदी का काम कर रही हैं। उन्होंने 2022-23 से पारदर्शी तरीके से धान का उठाव जारी रखा है। पिछले छह वर्षों से, इन समितियों को गोदाम किराए और कमीशन के रूप में सरकार को लगभग 25 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है।

समितियों पर 14.58 करोए रुपये का गोदाम किराया बकाया है। कुछ समितियों को कार्यालय खर्च चलाने के लिए ऋण लेना पड़ रहा है। फिर भी, इन समितियों ने अपनी ज़िम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाया है। वहीं मार्केटिंग फेडरेशन की मनमानी नीतियों के कारण किसानों और संस्थाओं, दोनों का आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसान आज संघ की 'फ़ाइलों' और 'फ़तवों' में फंसकर परेशान है।


Created On :   14 Nov 2025 3:33 PM IST

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