मध्य प्रदेश: टैक्स चोरी के मामले में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का अहम आदेश

मध्य प्रदेश: टैक्स चोरी के मामले में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का अहम आदेश
टैक्स चोरों के व्यावसायिक हितों की रक्षा नहीं करे विभाग - राहुल सिंह

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने शुक्रवार को एक अहम आदेश देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता को टैक्स चोरी के मामले हुई कार्रवाई की जानकारी को लेने का हक़दार बताया। साथ ये भी साफ किया कि वाणिज्यिकर डिपार्मेंट की भूमिका एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के रूप में टैक्स चोरी रोकने की है ना की टैक्स चोरों के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने की।

दरसल रीवा के रामायण प्रसाद गौतम ने जल उपभोक्ता संस्था शाहपुर में ठेकेदार विमलेश त्रिपाठी के द्वारा करोडो रूपये के भुगतान में कमर्शियल टैक्स की चोरी की शिकायत आयुक्त वाणिज्यिकर से की थी। जब मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो गौतम ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर कहा कि वाणिज्यिकर विभाग के अधिकारियों ने मामले को जानबूझकर दबा दिया है। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत होने पर वाणिज्यिकर अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने ठेकेदार विमलेश त्रिपाठी के प्रकरण में जांच कर लाखों रुपए की टैक्स चोरी का मामला बनाया और वसूली की कार्रवाई की गई। तब इस मामले में हुई कार्रवाई की कुछ जानकारी वाणिज्यिकर डिपार्टमेंट ने गौतम को सीएम हेल्पलाइन पर भी बताई।

बाद में गौतम को पता चला सीएम हेल्पलाइन पर उनकी शिकायत के बाद शुरुआती तौर पर कुछ दिखावटी कार्रवाई तो की गई पर आगे मामले में लीपा पोती की गई है इसीलिए उन्होंने सितंबर 2020 में आरटीआई लगा करके सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत का जिक्र करते हुए डिपार्टमेंट से टैक्स चोरी के मामले में हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी। पर विभाग ने तीसरे पक्ष के व्यावसायिक हितों को नुकसान और कोई लोकहित नहीं होने को आधार बनाते हुए गौतम को जानकारी देने से मना कर दिया।

आयोग : विभाग को टैक्स चोरो की चिंता ज्यादा।

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत गौतम को 30 दिन के भीतर जानकारी मिल जानी चाहिए थी। पर अधिकारियों के गलत ढंग से जानकारी रोकने के बाद अब आयोग के आदेश के बाद 3 साल की देरी से जानकारी दी जा रही है। सिंह ने आदेश में लिखा कि कमर्शियल टैक्स की चोरी गम्भीर विषय है। राजस्व का नुकसान होने से ये देशहित में भी नहीं है। सूचना आयुक्त ने माना कि तत्कालीन उपायुक्त वाणिज्यिकर एवं आयुक्त वाणिज्यिकर ने विधि विरुद्ध कार्यवाही करते हुए तीसरे पक्ष के व्यवसायिक हितों को नुकसान बताते हुए और लोकहित ना होने के आधार पर जानकारी को रोका है। सिंह ने कहा कि ऐसे मामलों में जिसमे टैक्स चोरी शिकायतकर्ता द्वारा स्वयं उजागर की गई हो, उसमें वाणिज्यिकर विभाग के अधिकारियों को तीसरे पक्ष के व्यवसायिक नुकसान की चिन्ता नहीं होनी चाहिए और बल्कि लोकहित की चिन्ता ज्यादा होनी चाहिए।

Created On :   8 Sept 2023 6:51 PM IST

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