भोपाल: भाजपा ने आउटसोर्स कर्मियों को केन्द्र जैसी सुविधा का किया था वादा, पर दे रही है उससे आधा - भार्गव

भाजपा ने आउटसोर्स कर्मियों को केन्द्र जैसी सुविधा का किया था वादा, पर दे रही है उससे आधा - भार्गव

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान जारी अपने संकल्प पत्र के पृष्ठ क्रमांक-81 में मप्र के 2.50 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा का लाभ देने एवं केन्द्र के श्रम कानून के अधीन सुविधा देने का वायदा किया था, परन्तु इस घोषणा पर अमल नहीं किये जाने से प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी आक्रोशित हैं।

इस संबंध में ऑल डिपार्टमेन्ट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चे के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव एवं महामंत्री दिनेश सिसोदिया का कहना है कि जहां केन्द्र सरकार के आउटसोर्स कर्मी व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी प्रतिमाह उच्च कुशल श्रेणी के 27450 रू. कुशल श्रेणी के 24960 रू., अर्द्धकुशल 21270 रू. व अकुशल कर्मी 18840 रू. प्रतिमाह पा रहे हैं। जबकि इसकी तुलना में मप्र के उच्च कुशल कर्मी 13360 रू., कुशल 12060, अर्द्धकुशल 10682 एवं अकुशल कर्मी 9825 रू. प्रतिमाह न्यूनतम वेतन पा रहे हैं, जो केन्द्र तुलना में आधा है। इससे आउटसोर्स कर्मियों का विकास लड़खड़ा व चरमरा रहा है । इसलिए लोकसभा चुनाव के पहले राज्य सरकार को अपने वादे पर अमल कर केन्द्र के आउटसोर्स कर्मियों के बराबर उसी प्रकार न्यूनतम वेतन देना चाहिए, जैसे - म.प्र. के नियमित कर्मचारी केन्द्र के समान 7वां वेतनमान पा रहे हैं ।

सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल करना युवाओं के साथ धोखा

राज्य सरकार द्वारा नियमित कर्मचारियों की आयु 62 से ब?ाकर 65 किये जाने के मामले में किये जा रहे प्रयासों पर कड़ी आपत्ति प्रकट करते हुए इसे भार्गव ने युवा पी?ी व आउटसोर्स कर्मियों पर कुठाराघात निरूपित किया है। भार्गव का कहना है कि इससे युवा वर्ग के रोजगार पाने की संभावनाओं को गहरा धक्का लगेगा। इसलिए बुजुर्गों को सेवा वृद्धि देने के बजाय नई पीढ़ी को स्थायी रोजगार देने की दिशा में सरकार को कदम उठाना चाहिए।

Created On :   13 Feb 2024 1:19 AM IST

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