शिक्षा की राह पर चलकर ही पिछड़ापन होगा दूर

  • गोंडवाना विवि के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का कथन
  • विवि के उपक्रमों की महामहिम ने की सराहना

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। महाराष्ट्र प्रदेश का गड़चिरोली जिला पूरी तरह आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित होकर यहां प्रचुर मात्रा में वन संपदा समेत खनिज सम्पत्ति उपलब्ध है। गोंडवाना विश्व विद्यालय ने इन्हीं साधन सम्पत्ति पर आधारित विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम आरंभ कर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास शुरू किया है। विवि का यह प्रयास सराहनीय होकर विवि के इन प्रयासों को अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने की जरूरत महसूस हो रही है। शिक्षा ही ऐसा एकमात्र मार्ग है जिससे पिछड़ेपन को दूर किया जा सकता है। यह विचार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गोंडवाना विश्व विद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह के दौरान व्यक्त किए।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल और विवि के कुलाधिपति रमेश बैस ने की। विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय सड़क यातायात व महामार्ग मंत्री नितीन गडकरी, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहिर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, आदिवासी विकास मंत्री विजय कुमार गावित, वन व सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। राष्ट्रपति मुर्मु ने आगे कहा कि, महाराष्ट्र में उनका यह पहला दौरा है और वे पहली बार गड़चिरोली पहुंचकर प्रसन्नता महसूस कर रहीं हैं। दीक्षांत समारोह में 45 स्नातक और 61 प्रतिशत से अधिक स्वर्ण पदक प्राप्त छात्राएं होने से उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए गोंडवाना विवि की सराहना की। आदिवासी बहुल गड़चिरोली के बेटियांे की यह उपलब्धि जिला विकास के लिए महत्वपूर्ण है। जनजाति लोग भी आगे बढ़ना चाहते हैं। बच्चों को शिक्षा देना चाहते हैं। प्रकृति के साथ प्यारभरा रिश्ता निभाने का कार्य जनजाति लोग कर रहे हैं।

आदिवासियों की संस्कृति का जतन करते हुए विवि द्वारा नवीनतम शिक्षा दी जा रही है, जो अपने आप में सराहनीय है। डीग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी काफी सौभाग्यशाली हैं। अब उन्हें सफलता के नये अध्याय लिखने होंगे। सभी प्रकार की चुनौतियों का भी सामना भी करना होगा। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस समय विश्वास जताया कि, गड़चिरोली के विद्यार्थी देश के विकास में अपना सहयाेग देंगे। कार्यक्रम के आरंभ में विवि के कुलपति डा.प्रशांत बोकारे ने प्रस्तावना रखते हुए विवि के संदर्भ में जानकारी दी।

Created On :   6 July 2023 3:11 PM IST

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