जबलपुर: इंदौर में लगने लगीं क्लासेस, इधर 5 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया स्टेट एलाइड हेल्थ इंस्टीट्यूट

इंदौर में लगने लगीं क्लासेस, इधर 5 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया स्टेट एलाइड हेल्थ इंस्टीट्यूट
  • लेटलतीफी: मेडिकल कॉलेज परिसर में 13 करोड़ से होना है निर्माण
  • बिल्डिंग लगभग तैयार हो चुकी है लेकिन स्वीकृत पदाें पर अब तक नहीं हो सकी भर्ती

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में स्टेट एलाइड हेल्थ इंस्टीट्यूट बनाने की घोषणा वर्ष 2018 में की गई थी, लेकिन 5 साल बीतने के बाद भी यह इंस्टीट्यूट शुरू नहीं हो सका है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो इंस्टीट्यूट के लिए कैंसर अस्पताल के पुराने भवन को नए सिरे से रिनोवेट किया गया है। बिल्डिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन स्वीकृत पदों पर भर्ती प्रक्रिया न होने से इसके शुरू होने में देर हो रही है। बताया जा रहा है कि शासन के निर्देश पर यह भर्ती प्रक्रिया ऑटोनोमस स्तर पर होनी है, साथ ही पैरामेडिकल फंड काे भी पृथक किया जाना है। दोनों ही बिंदुओं पर मेडिकल कॉलेज स्तर पर ही निर्णय होना है, देर यहीं से हो रही है। बता दें कि स्टेट एलाइड हेल्थ इंस्टीट्यूट बनाने का प्रस्ताव केंद्र की ओर से आया था, जिसमें राज्य सरकार की सहभागिता है। इसमें लागत का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार प्रदान करेगी। जानकारी के अनुसार इंस्टीट्यूट का निर्माण करीब 13 करोड़ रुपये से होना है। इंदौर में इंस्टीट्यूट शुरू होने के बाद जबलपुर में हो रही देर को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि वर्तमान में फिजियोथैरेपी की 50 सीटें मिलाकर अन्य पाठ्यक्रमों के डिप्लोमा-सर्टिफिकेट कोर्स मिलाकर करीब 400 बच्चे हैं, जो कि मेडिकल कॉलेज में ही अध्ययन कर रहे हैं।

प्रदेश का दूसरा इंस्टीट्यूट

जानकारी के मुताबिक सरकार की यह मंशा थी कि जितने भी पैरामेडिकल पाठ्यक्रम हैं इन्हें एक छत के नीचे एलाइड इंस्टीट्यूट के नाम से संचालित किया जाएगा। इंदौर में प्रदेश का पहला एलाइड इंस्टीट्यूट शुरू हो चुका है, जबकि जबलपुर में दूसरा इंस्टीट्यूट अब तक शुरू नहीं हुआ। जानकारों का कहना है कि बिल्डिंग भले ही बन जाए, जब तक कर्मचारी और शिक्षक नहीं आएँगे, संस्थान शुरू नहीं हो सकता है। बताया जा रहा है कि इंस्टीट्यूट का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है, वहीं केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि दो किश्तों में प्रदान की जानी है।

शीघ्र शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया

इंस्टीट्यूट के प्रभारी संचालक डॉ. अजय फौजदार ने बताया कि बिल्डिंग का काम लगभग हो गया है, अभी हैंडओवर नहीं हुई है। डायरेक्टर, प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर, क्लास-3, क्लास-4 मिलाकर कुल 54 पद इंस्टीट्यूट के लिए स्वीकृत किए गए हैं, जिन पर भर्ती प्रक्रिया मेडिकल कॉलेज स्तर पर ही होनी है। इसकी प्रोसेस शीघ्र ही शुरू की जाएगी।

Created On :   25 Sept 2023 3:42 PM IST

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