Jabalpur News: हाईवे से लेकर शहर की सड़कों तक मौत बांट रहे हाईबीम चाइनीज एलईडी बेचने वाले दुकानदार

हाईवे से लेकर शहर की सड़कों तक मौत बांट रहे हाईबीम चाइनीज एलईडी बेचने वाले दुकानदार
4 से 6 हजार रुपए तक खर्च कर कारों और अन्य वाहनों में लगवाई जा रहीं खतरनाक लाइट्स, इसके कारण आए दिन हो रहे हादसे

Jabalpur News: हाईबीम चाइनीज एलईडी लाइट बेचने वाले दुकानदार सड़कों पर मौत बांट रहे हैं। आए दिन इनकी वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन इनकी बिक्री इसके बाद भी जारी है। ट्रैफिक पुलिस से लेकर परिवहन विभाग तक, सब हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं, जबकि कर्नाटक सहित कुछ अन्य राज्यों में इसे लेकर लगातार कार्रवाई हो रही है। सड़कों पर हाईबीम एलईडी लाइट को लेकर 8 हजार से ज्यादा कार्रवाई हुई हैं। जानकारों का कहना है समस्या की जड़ तक जाकर ही इसे खत्म किया जा सकता है।

ऐसे में लोगों को नियमों की जानकारी देकर जागरूक करना और इस तरह की हाई इन्टेन्सिटी वाली हाईबीम एलईडी लाइट्स के विक्रय पर रोक लगाने जैसी कार्रवाई अहम हो जाती है। स्थिति यह है कि सड़कों पर गाड़ियों को लाइट्स को मॉडिफाइड कर उनमें कंपनी से आए बल्ब को दूसरी तेज एलईडी से बदल दिया जा रहा है, जो कि 650 वॉट तक की रोशनी पैदा करती हैं, जबकि कंपनी से आने वाले बल्ब अथवा एलईडी 60 से 75 वॉट के ही होते हैं।

दूधिया रोशनी में नियंत्रण मुश्किल

जानकारों के अनुसार तीव्रता के साथ आंखों पर पड़ने वाली दूधिया रोशनी, सामने आ रहे ड्राइवर के सामने चकाचौंध पैदा करती है, जिससे उसका विजन प्रभावित होता है और हादसे हो जाते हैं। जानकारों के अनुसार शहर में पुराने मोटर स्टैण्ड के नजदीक, लिंक रोड और शहर के आसपास के क्षेत्र में 50 से 60 कार एसेसरीज की दुकानें हैं जो चाइनीज एलईडी लाइट लगा रही हैं। ये दुकानदार चाइनीज एलईडी लाइट की खूबियां बताकर इनको कारों में 4 से 6 हजार रुपए में लगा रहे हैं।

यह पूरी तरह से अवैध

जानकारों के अनुसार किसी वीआईपी काफिले को छोड़कर प्रोजेक्टर के बिना हाई इन्टेन्सिटी डिस्चार्ज (एचआईडी) रोशनी चार पहिया वाहनों में लगाना अवैध है। नियम के अनुसार कंपनी की ओर से वाहनों में अधिकतम 75 वाॅट के बल्ब लगते हैं। इसके अलावा किसी भी तरह की छेड़छाड़ मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है।

कभी रेगुलर कार्रवाई ही नहीं हुई

नागरिकों का कहना है कि हाईबीम एलईडी लाइट लगाकर जो वाहन हाईवे से लेकर शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं उन पर कभी नियम के अनुसार कार्रवाई हुई ही नहीं है। ट्रैफिक पुलिस से लेकर परिवहन विभाग दावा करते हैं कि कार्रवाई समय-समय पर की जाती है पर जबलपुर और आसपास के क्षेत्र में इसको लेकर आज तक कोई ठोस अभियान ही नहीं चल सका है। कोई अभियान न चलने से ही इनको वाहनों में लगवाने वालों के हौसले बुलंद हैं।

Created On :   12 Nov 2025 5:09 PM IST

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