Jabalpur News: कठौंदा में कचरे का पहाड़, दुर्गंध से पूरा क्षेत्र त्रस्त

कठौंदा में कचरे का पहाड़, दुर्गंध से पूरा क्षेत्र त्रस्त
विडंबना: मेन्टेनेंस के चलते 20 दिन से बंद है प्लांट, नगर निगम के पास वैकल्पिक व्यवस्था न होने से और बढ़ी परेशानी

Jabalpur News: कचरे के निस्तारण के लिए बनाया गया कठौंदा स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट खुद ही कचरे से घिर गया है। यहां कचरे का पूरा पहाड़ तैयार हो गया है। हालात ये हैं कि कचरे से उठ रही दुर्गंध पूरे इलाके में फैल रही है। इससे लोग परेशान हैं। बीमारियों के संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। बताया गया है कि पिछले 20 दिन से प्लांट में मेन्टेनेंस का कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते इसे बंद कर दिया गया है। नगर निगम के पास वैकल्पिक व्यवस्था का अभाव और एक साथ इतने दिन के लिए बंद किए गए प्लांट के कारण समस्या और विकराल हो गई है।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम द्वारा शहर का कचरा एकत्र कर कठौंदा वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट भेजा जाता है। यहां पर कचरे को जलाकर िबजली बनाई जाती है। इससे रोजाना एकत्र होने वाला कचरा जल जाता है। 20 दिन पहले प्लांट को मेन्टेनेन्स के लिए बंद किया गया है। इससे यहां पर कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। कचरे से बदबू और दुर्गन्ध फैल रही है। परेशान लोगों ने जनसुनवाई में शिकायत भी की थी, लेकिन नगर िनगम द्वारा दुर्गन्ध और बदबू को रोकने के लिए कोई भी वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।

पशुओं को भी खतरा

क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि पालतू पशु व आवारा जानवर दिन भर कचरे के ढेरों में खाद्य सामग्री का सेवन करते रहते हैं। वे पॉलीथिन आदि भी निगल रहे हैं, इससे उनकी सेहत को भी खतरा बढ़ा है। इसके लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

ये भी अजब: हर साल होना चाहिए लेकिन 9 साल में पहली बार हो रहा मेन्टेनेस

कठौंदा में वर्ष 2016 में 11.5 मेगावाॅट क्षमता का वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाया गया था। शुरू में प्लांट का संचालन एस्सेल कंपनी द्वारा िकया जा रहा था। इस दौरान कंपनी ने कभी भी प्लांट का मेन्टेनेंस नहीं किया, जबकि नियम ये है कि हर साल प्लांट का मेन्टेनेंस होना चाहिए। जानकारों के अनुसार 6 महीने पहले प्लांट का संचालन कुंदन एनर्जी को सौंपा गया है। इसके बाद अब पहली बार प्लांट का मेन्टेनेन्स कराया जा रहा है। लोगों का कहना है कि मेन्टेनेंस किया जाना अच्छा है, लेकिन इसकी समयावधि अधिक होने के कारण समस्या गंभीर हो गई है। पूरे क्षेत्र में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। जिससे लोग परेशान हो रहे हैं।

रोज एकत्रित होता है 600 टन कचरा

शहर के 79 वार्डों से रोज 600 टन कचरा एकत्रित होता है। यहां पर प्लांट के सामने 20 दिन में 12 हजार टन कचरा एकत्रित हो गया है। कचरा इतना ज्यादा है कि यहां पर अब कचरे के वाहन भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। अब यहां पर सड़क के किनारे कचरे की डम्पिंग की जा रही है।

दूसरे प्लांटों में क्यों नहीं भेज रहे कचरा...?

क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि प्रदेश के अन्य शहरों में भी वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगे हुए हैं। जब प्लांट को लंबे समय के लिए मेन्टेनेन्स के लिए बंद किया गया है, तो यहां के कचरे को दूसरे शहरों में बने प्लांटों में भेजा जा सकता है। नगर निगम के अधिकारी कचरे को दूसरे शहर में भेजने के विकल्प पर विचार नहीं कर रहे हैं, जबकि कई जिलों का कचरा तक अपने यहां लाया जाता है।

कठौंदा स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का मेन्टेनेन्स किया जा रहा है। एक दिसंबर तक प्लांट फिर से चालू हो जाएगा। इस दौरान एकत्रित कचरे को अलग-अलग किया जा रहा है। यहां से कचरा बाहर भेजने की कोई योजना नहीं है।

-अंकिता बर्मन, स्वास्थ्य अधिकारी

Created On :   14 Nov 2025 4:49 PM IST

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