Jabalpur News: रैपुरा के हॉर्स फार्म से लापता हो गए दस घोड़े, प्रशासन में मचा हड़कम्प

रैपुरा के हॉर्स फार्म से लापता हो गए दस घोड़े, प्रशासन में मचा हड़कम्प
57 घोड़े हैदराबाद से लाए गए थे, 19 की हो गई मृत्यु अब केवल 28 घोड़े मौजूद हैं अस्तबल में, संचालक नहीं दे रहा प्रशासन को जवाब

Jabalpur News: हैदराबाद से पनागर के रैपुरा में लाए गए 57 घोड़ों में से 19 की मृत्यु हो चुकी है और अब फार्म हाउस में केवल 28 घोड़े मौजूद हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो 10 घोड़े गायब हैं। प्रशासन जब इन घोड़ों की जानकारी फार्म संचालक से मांग रहा है तो वह कोई जवाब नहीं दे रहा है। इससे प्रशासनिक हलकों में हड़कम्प है, क्योंकि यह मामला न्यायालय में पहुंच गया है और वहां से भी सवाल-जवाब का दौर जारी है। बताया जाता है कि रैपुरा गांव में 57 घोड़ों को हैदराबाद से यहां गुपचुप तरीके से लाया गया था।

इसी बीच कुछ घोड़ों की मृत्यु हो गई तो घोड़े लाने वाला सचिन तिवारी घबरा गया और उसने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी। तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मामले की जांच कराई लेकिन कोई भी सही जानकारी आज तक नहीं मिल पाई कि आखिर घोड़ों को यहां लाया क्यों गया था। धीरे-धीरे करके 19 घोड़ों की मत्यु हो गई और अब अस्तबल में केवल 28 घोड़े बचे हुए हैं तो बाकी के 10 घोड़े कहां हैं इस सवाल पर अस्तबल संचालक मौन है।

कुछ को ग्लैंडर्स बीमारी हुई थी

बताया जाता है कि कुछ घोड़ों को ग्लैंडर्स नामक घातक बीमारी हुई थी। यह बीमारी घोड़ों के लिए जानलेवा होती है और यही कारण है कि वहां पर पशुपालन विभाग की टीम लगातार उपचार में जुटी रही। बीमार घोड़ों को अलग किया गया और उनके देखभाल का जिम्मा उठाया गया तब जाकर घोड़ों की मृत्यु रुकी थी लेकिन इसके बाद उन्हें गायब कर दिया गया।

41 फीमेल और 16 मेल लाए गए थे

मई माह में कराई गई जांच से इस बात की जानकारी सामने आई थी कि 57 में से 18 थोर ब्रीड के घोड़े थे जिनमें 12 मेल और 6 फीमेल थीं। वहीं मारवाड़ी नस्ल के 39 अश्व लाए गए थे जिनमें 4 मेल और 35 फीमेल थीं। इस प्रकार 41 फीमेल और 16 मेल घोड़े थे। ये दोनों ही नस्ल बेहतरीन मानी जाती हैं और इनसे रेस कराई जाती है, लेकिन यहां जिन हालातों में इन्हें रखा गया था उससे कोई भी कह सकता था कि शानदार घोड़ों के साथ अन्याय किया गया।

पशु पालन विभाग की टीम लगातार अस्तबल में जाकर घोड़ों को उपचार मुहैया करा रही है। इसी बीच 10 घोड़ों के गायब होने की सूचना मिली तो अस्तबल के संचालक सचिन तिवारी से जानकारी मांगी गई लेकिन वह कुछ भी बताने तैयार नहीं है। विभाग द्वारा पत्र भेजकर भी जानकारी बुलाई गई लेकिन संचालक ने कोई उत्तर नहीं दिया। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ प्रफुल्ल मून, डिप्टी डायरेक्टर, पशु पालन विभाग

Created On :   14 Nov 2025 5:00 PM IST

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