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Jabalpur News: बस हादसा- एक घायल की मौत, इलाज के बाद अस्पताल से फरार हुआ चालक

Jabalpur News: खमरिया में ओएफके अस्पताल के पास रविवार की दोपहर बस पलटने के हादसे में घायल एक युवक की मौत हो गई है। घायल रांझी करौंदी निवासी विजय धुर्वे उम्र 48 वर्ष को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती बस चालक घमापुर निवासी अमित बर्मन उम्र 32 वर्ष अस्पताल से फरार हो गया। उधर हादसे के बाद परिवहन विभाग द्वारा बस का परमिट निरस्त कर दिया गया है।
पुलिस के अनुसार जबलपुर से डिंडौरी के बीच चलने वाली लकी ट्रैवल्स की बस क्रमांक एमपी 20 पीए 0914 का चालक घमापुर पानी की टंकी की रोड निवासी अमित बर्मन यात्रियों से भरी बस लेकर डिंडौरी जा रहा था। ओएफके स्कूल के पास अचानक मोपेड सवार युवतियों के सामने आ जाने से चालक का बस पर नियंत्रण नहीं रहा और बस मोपेड को टक्कर मारने के बाद बहकी और सड़क किनारे लगे पेड़ से टकराकर पलट गई थी। हादसे के बाद बस में सवार घायल यात्रियाें को बस की खिड़की तोड़कर बाहर निकाला गया था। वहीं बस का चालक भी बस के कैबिन में फंसकर घायल हो गया था। चालक सहित सभी घायलों को इलाज के लिए रांझी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के बाद बस चालक अमित बर्मन भाग गया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
युवतियों को भी आई थीं चोटें
जांच अधिकारी नरेश मरावी ने बताया कि बस की टक्कर लगने से रांझी क्षेत्र में रहने वाली मोपेड सवार युवती अंचल ठाकुर उम्र 21 वर्ष व उसकी सहेली को मामूली चोंटें आई थीं लेकिन माेपेड क्षतिग्रस्त हो गई थी। हादसे के बाद उन्होंने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और चली गई थीं।
बस मालिक मृत, संचालन करा रहे परिजन
जानकारों के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा एक्सीडेंट के बाद बस का परमिट निरस्त कर दिया गया है। अब नया परमिट जारी होने तक बस सड़क पर नहीं दौड़ सकेगी। परिवहन विभाग में बस का जाे पंजीयन दर्ज है उसके मुताबिक बस स्व. जीवन प्रकाश जायसवाल के नाम पर दर्ज है और ट्रैवल्स एजेंसी का संचालन उनके परिजन द्वारा किया जा रहा है। बस का पंजीयन 6 जून 2015 में दर्ज है। वहीं फिटनेस 14 जून 2026 और बीमा 7 सितम्बर 2026 तक होना बताया जा रहा है।
कमीशन के चक्कर में ले गए निजी अस्पताल
बस हादसे में घायल करीब आधा दर्जन मरीजों को होमसाइंस रोड स्थित गजकेशरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान घायल विजय धुर्वे की देर रात मौत हो गई थी। घायल की बेटी नंदनी धुर्वे का आराेप है कि उनके पिता को एम्बुलेंस चालक द्वारा मेडिकल न ले जाकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल में 5 से 6 घंटे इलाज होने के बाद उनकी मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल द्वारा 75 हजार रुपए का बिल जमा करने कहा गया था। उन्होंने आपत्ति की तो उन्हें बताया गया कि एम्बुलेंस चालक को कमीशन देना पड़ता है। काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें 40 हजार का बिल अस्पताल में जमा करना पड़ा। यही स्थिति अन्य मरीजों की रही। मृतक की बेटी नंदनी द्वारा सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की गई है।
Created On :   2 Dec 2025 6:24 PM IST












