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Jabalpur News: नाले के पानी से उपजी सब्जियों में धोने के बाद भी बचे रह जाते हैं विषैले तत्व

- ऐसी सब्जियों के उपयोग से शुरुआत में असर नहीं लेकिन लगातार खाने से जानलेवा मर्ज के गिरफ्त में आते हैं
- इनसे बचने का एक ही उपाय कि गंदा पानी सिंचाई के लिए उपयोग न हो
Jabalpur News: गंदे नाले या नालियों के पानी से जो सब्जियां सिंचित की जा रही हैं उनकाे खाना हर हाल में जानलेवा है। एक्सपर्ट के अनुसार ऐसी सब्जियों को यदि धो भी लिया जाए तो किसी न किसी तरह से केमिकल इनमें बचे रह जाते हैं और आगे चलकर यह खतरनाक मर्ज को जन्म दे रहे हैं। सीनियर सर्जन डॉ. केसी देवानी कहते हैं कि सब्जियों में डिटरजेंट मिश्रित पानी ही होता है।
डिटरजेंट में इतने घातक केमिकल होते हैं कि उससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो रही हैं। यह डिटरजेंट के केमिकल वाले पानी से सिंचित सब्जियों के लगातार खाने के बाद मानव के शरीर में सीधे तौर पर पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि नाले के पानी से सब्जियों की सिंचाई को तीव्र गति से कार्रवाई कर रोकना होगा नहीं तो इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।
जानकारों का कहना है कि कांचघर की पहाड़ियों के पास से निकला ओमती नाला कभी ओमवती नदी के नाम से जाना जाता था। धीरे-धीरे इसके दोनों तरफ आबादी बढ़ती चली गई और यह शहर के बीच में आ गया। अब इसमें केवल बारिश के दौरान ही पहाड़ियों का पानी मिलता है बाकी समय केवल सेप्टिक टैंकों और बाथरूम से निकलने वाला पानी ही बहता है। यह दोनों ही पानी बेहद खतरनाक और जहरीले माने जाते हैं। इसी जहरीले पानी से उखरी के पास से शुरू होने वाले खेतों में सिंचाई की जाती है। लमती, रैगवां, कुदवारी, अमखेरा आदि एक दर्जन से ज्यादा गांवों में नाले किनारे ही सब्जियां उगाई जा रही हैं।
कई तरह के जर्म और फिर मर्ज भी घातक
विशेषज्ञों का कहना है कि सीवेज के पानी में बैक्टीरिया, वायरस और प्रोटोजोआ जैसे हानिकारक सूक्ष्मजीव होते हैं यदि इस पानी से उपजाई सब्जियों को ठीक से धोया न जाए तो हैजा, टायफाइड, बुखार, हेपेटाइटिस, ई-कोली, साल्मोनेला और कई तरह के वर्म संक्रमण, फ्लू जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
शरीर में पहुंच रहा कितना घातक रसायन
एक्सपर्ट के अनुसार डिटरजेंट में दाग हटाने के लिए एल्काइल बेंजीन सल्फोनेट का उपयोग बेहद किया जाता है। इससे कपड़ों के दाग तो हट जाते हैं लेकिन यह प्रकृति के लिए खुद एक बदनुमा दाग है क्योंकि इससे पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान होता है। यह बायोडिग्रेबल नहीं है और हमेशा ही जमीन पर बना रहता है जिससे पानी और मिट्टी को नुकसान होता है। पानी की गुणवत्ता में कमी आती है और मिट्टी अपनी उर्वरता खो देती है।
आपके एरिया में भी हो रही जहरीली खेती तो भेजें जानकारी
आपके घरों के नजदीक नाले या नालियों के किनारे जहां भी इनके पानी से सिंचित हानिकारक रोगों को पैदा करने वाली सब्जी उगाई जा रही है तो उसकी जानकारी दैनिक भास्कर तक भेजें। वाट्सएप नंबर 9425159689 पर फोटो क्लिक कर भेजें। आपकी पहचान और नंबर पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। भास्कर ऐसी जगह की फोटो प्रकाशित कर प्रशासन से कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा, ताकि जहरीली सब्जी का उत्पादन थमे और आम आदमी को स्वस्थ जीवन मिले, यही हमारा प्रयास है।
Created On :   2 Dec 2025 5:38 PM IST












