आखरी सफर पर निकले ताजिया-सवारी, कर्बला में हुए ठंडे

या हुसैन के नारों की रही गूँज, जगह-जगह निकाले गए जुलूस, रानीताल कर्बला मे ताजिये सवारी हुए ठंडे, हिंदु मुस्लिम मुजवार की सवारियां शामिल हुई आखऱी सफर में

डिजिटल डेस्क जबलपुर। पैगम्बरें इस्लाम हजरत मुहम्मद (सल्ल.) के नवासे हजरत इमाम हुसैन आली मुकाम की शहादत के महापर्व मुहर्रम का बुधवार को समापन हुआ। मुहर्रम के दौरान कौमी एकता, सम्प्रदायिक सद्भाव के अनूठे नज़ारे नजर आये। मुस्लिमों के साथ साथ बड़ी तादाद में हिन्दुओं ने भी अक़ीदत के साथ सवारियां रखी लंगर बाटा सजावट की। मुहर्रम पर शासन प्रशासन द्वारा भी कानून व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गए। संवेदनशील और मुख्य मार्गो पर अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई थी। सामूहिक जुलूस - दोपहर जुहर की नमाज के बाद इमामबाड़ो से सवारियों और ताजियों का निकलना शुरु हुआ। जुलूस मे लगभग इस वर्ष 300 सवारी तथा 55 छोटे बड़े ताजिया शामिल हुए। बड़ी तादाद मे वाहनों पर लंगर ए इमाम आली मुकाम तकसीम किया गया । मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का जुलूस बहरोबाग़, चार खम्बा, मछली मार्केट, मिलौनीगंज, कोतवाली , कमानिया, बड़ा फुहारा, बलदेवबाग़ होते हुए रानीताल कर्बला पहुंचा । जुलूस पथ पर खड़े जायरीनों ने नम आँखो से ताजिया सवारी की ज्यारत की और विदाई दी कलात्मक ताजिये सवारिया - मुहर्रम के जुलूस में भव्य एवं कलात्मक ताजिये शामिल हुए। सुलेमानी मस्जिद का ताजिया, गुल बाबा अशरफी द्वारा कायम मन्नत वाला ताजिया, बुर्राक बाला ताजिया जनआकर्षण का केंद्र था। किन्नरो का ताजिया भी जुलूस मे शामिल था। कांधो पर ताजिया रखे अक़ीदतमंद या हुसैन का नारा बुलंद कर रहे थे। अक़ीदतमंद अपने बच्चों को ताजिया के नीचे से निकाल रहे थे ताकि उनपर इमाम आली मुकाम की नजरें करम बनी रहे। जुलूस मे विभिन्न आकार प्रकार की सवारिया शामिल थी। बाबा साहब पर हाल की आमद थी। हाथ मे मोरछल लहराते हुए चल रहे बाबा साहब लोगों के पास अक़ीदतमंदो की भीड़ लगी थी। अनेकों सवारियों पर चांदी के छत्र लगे हुए थे। मखानों से निर्मित सवारीया विशालकार की थी। हरे, नीले, लाल, मखमल पर मोतियों की जड़ी नक्काशी जगमगा रही थी। वाहनों पर लंगर- मुहर्रम के जुलूस मे काफी तादाद मे लंगर बाटने वाले वाहन भी शामिल हुए। शहजादा ए मुफ़्ती ए आज़म सूफ़ी जियाउल हक़ कादरी भी लंगर ए इमाम आली मुकाम मे शरीक हुए। सवारी ताजिये के जुलूस रानीताल कर्बला की तरफ और लंगर बाटने वाले वाहन रानीताल ईदगाह की तरफ बढ़ गये रहे। सदर - छावनी क्षेत्र सदर का जुलूस शाम 4 बजे निकला । अपनी शानों शौकत और शालीनता के लिए मशहूर जुलूस में समाजसेवी अकबर खान के अनुसार 40 अधिक सवारिया व 6 ताजिये शामिल हुए । सदर के जुलूस मे गली नंबर 9 का ताजिया और चांदी से बनी हुई सवारी जन आकर्षण का केंद्र रही। मुख्य मार्गो से होता हुआ जुलूस रानीताल कर्बला पहुंचा । गढ़ा - गढ़ा का जुलूस अपनी परंपरनुसार शाम को निकाला गया। अपनी कौमी एकता के लिए जाने वाले गढ़ा मे सज्जादानशीन मुबारक कादरी के अनुसार गढ़ा मे हिंदु मुस्लिम मुजवारों की 40 से अधिक सवारिया व 10 ताजिये शामिल हुए। गढ़ा के जुलूस पथ पर अनेकों हिंदु धर्मालंबी द्वारा लंगर तकसीम किया गया और बाबा साहब लोगों का इस्तकबाल किया गया। गढ़ा बाजार मे कौमी एकता मुर्तूजा कमेटी द्वारा जुलूस का इस्तक़बाल किया गया। गढ़ा बाजार त्रीपुरी चौक होते हुए जुलूस सूपाताल कर्बला पहुंचा । सूपाताल कर्बला मे सैयद कादिर अली कादरी, आफ़ताब कादरी, बासित कादरी ,इनायत कादरी ने इमाम आली मुकाम की बारगाह मे सलाम पेश किया।

Created On :   17 July 2024 9:32 PM IST

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