मुंबई सहित प्रदेश में 467 चैरिटी अस्पताल, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित

मुंबई सहित प्रदेश में 467 चैरिटी अस्पताल, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित
  • प्रदेश में 467 चैरिटी अस्पताल
  • आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में 467 चैरिटी अस्पताल हैं, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए मुफ्त में और कुछ को किफायती शुल्क देकर इलाज मिलता है। प्रत्येक अस्पताल में इन तबकों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित हैं। इसके बावजूद कई अस्पताल बेड की अनुपलब्धता बताकर गरीब मरीजों का इलाज करने से मना कर देते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग एक ऐसा मोबाइल ऐप तैयार कर रहा है, जिसकी मदद से लोग यहां उपलब्ध बेड की जानकारी पा सकेंगे। फिलहाल यह ऐप बनाने का काम अंतिम चरण में है। सब कुछ समय पर रहा तो महीनेभर में लोग इस ऐप के जरिए चैरिटी अस्पतालों में उपलब्ध सभी सुविधाओं की जानकारी पा सकेंगे।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चैरिटी अस्पताल योजना को मरीजों के लिए अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी के साथ ही मोबाइल ऐप भी तैयार किया जा रहा है, जिसकी मदद से लोग इन अस्पतालों में मिलनेवाली इलाज की सुविधा की जानकारी आसानी से पा सकेंगे।

ऐप में होगी अस्पतालों की सूची

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस ऐप के मुख्य पृष्ठ पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तैयार किए गए मॉडल ऑपरेटिंग सिस्टम, चैरिटेबल अस्पताल योजना की प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही आवेदन के मुख्य पृष्ठ पर जिलेवार 467 चैरिटी अस्पतालों की सूची, अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के नाम, अस्पताल में आरक्षित और उपलब्ध बिस्तरों की संख्या उपलब्ध कराई जाएगी।

शिकायत करने का भी होगा विकल्प

यदि आप किसी चैरिटी अस्पताल या किसी अन्य संदर्भ में शिकायत करना चाहते हैं, तो मोबाइल एप्लिकेशन पर शिकायत करने का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा। चैरिटी अस्पताल योजना के तहत रोगियों की सहायता के लिए प्रत्येक अस्पताल में एक स्वास्थ्य सेवक नियुक्त किया जा रहा है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मरीजों को योजना की जानकारी प्रदान करने और उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में मदद करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए प्रत्येक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अलग-अलग कमरे बनाए जा रहे हैं।

निरीक्षण समिति गठित, अस्पतालों का सत्यापन करेगी

चैरिटी अस्पतालों पर नजर रखने के लिए एक निरीक्षण समिति गठित की गई है। यह निरीक्षण समिति समय-समय पर अस्पतालों का सत्यापन करेगी कि मरीजों को चैरिटी योजना और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में उल्लिखित मानदंडों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान की जा रही है या नहीं। यदि ये अस्पताल रोगी को गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान नहीं कर रहे हैं, तो समिति के पास ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए चैरिटी और स्वास्थ्य विभाग को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अधिकार होगा।

चिकित्सा सेवाएं देने में देरी पर होगी कार्रवाई

चैरिटी अस्पताल अगर जरूरतमंदों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में देरी करता है, तो उनके विरुद्ध सरकार के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिलाधिकारी द्वारा जारी आय का प्रमाणपत्र अगर संबंधित व्यक्ति चैरिटी अस्पताल में पेश करता है, तो चैरिटी अस्पताल को यह अधिकार नहीं होगा कि वे उसके आय के सत्यापन की जांच करें।

किसे मिल सकता है फायदा

- आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को दो श्रेणी में चैरिटी अस्पतालों में उपचार दिया जाता है।

- 85,000 रुपये सालाना या इससे कम आय वाले मरीजों को चैरिटी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलता है।

- 85,001 से 1,60,000 रुपये सालाना आय वाले मरीजों को आधे दाम पर उपचार दिया जाता है।

Created On :   24 Jun 2023 8:26 PM IST

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