बॉम्बे हाईकोर्ट: क्रिप्टो करेंसी में धोखाधड़ी को लेकर आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका, बिल्डर हत्या मामले में तीन को जमानत

क्रिप्टो करेंसी में धोखाधड़ी को लेकर आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका, बिल्डर हत्या मामले में तीन को जमानत
  • क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर अधिक मुनाफे का झांसा देकर निवेशकों से लाखों की धोखाधड़ी
  • मुख्य आरोपियों राजेश कुमार चौहान और उसके बेटे धीरज चौहान हाई कोर्ट में दायर की अग्रिम जमानत याचिका
  • जुहू बिल्डर की हत्या के मामले में तीन आरोपियों की हाई कोर्ट से मिली जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई. क्रिप्टो करेंसी (कॉइन करेंसी) में निवेश पर अधिक मुनाफे का झांसा देकर निवेशकों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में आया है। इस मामले के मुख्य आरोपियों राजेश कुमार चौहान और उसके बेटे धीरज चौहान ने याचिका दायर कर दिंडोशी सेशन कोर्ट के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है। सेशन कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। 22 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकार दिप्ती राम स्वरूप शर्मा की ओर से वकील आशीष दुबे ने आरोपियों के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दाखिल किया। 4 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई है। न्यायमूर्ति आर.एन. लड्ढा की एकलपीठ के समक्ष राजेश कुमार चौहान और धीरज चौहान की ओर से वकील विशाल देशमुख की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दिंडोशी सेशन कोर्ट के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया गया। सेशन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के अग्रिम जमानत खारिज करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया कंपनी द्वारा शुरू की गई निवेश योजना में याचिकाकर्ताओं की भूमिका का पता चलता है। आरोपी अशोक गौड़ ने पीड़िता दिप्ती शर्मा को मुख्य आरोपियों चौहन पिता-पुत्र, जयवीर कुमार, राम अवतार सिंह और मनोज कुमार स्वामी से मिलवाया था।क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए सदस्यों के साथ शिकायतकर्ता दीप्ति शर्मा से परिचित कराने के लिए जूम मीटिंग हुई थी। क्रिप्टो करेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं है। आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए। अशोक गौड़ ने भी हाई कोर्ट में सेशन कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। उसकी याचिका पर 14 अगस्त को सुनवाई होगी। जोगेश्वरी (पूर्व) में रहने वाली दीप्ति शर्मा एलआईसी और स्टार हेल्थ मेडिक्लेम एजेंट के रूप में काम करती है। आरोपियों ने शर्मा को झांसा दिया कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर निवेश की गई रमक का 20 फीसदी मुनाफा हर महीने मिलेगा। उन्होंने 22 लाख रुपए फर्जी कंपनी में निवेश किया। आरोपियों ने शर्मा को हर महीने डेढ़ लाख रुपए मुनाफा देने का स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट भी किया था। शर्मा की शिकायत पर वनराई पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। शर्मा का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने से बच रही है। पुलिस ने अदालत में उनकी याचिका का विरोध भी नहीं किया। इसलिए उन्हें हस्तक्षेप याचिका दायर करना पड़ा है

जुहू बिल्डर की हत्या के मामले में तीन आरोपियों की हाई कोर्ट से मिली जमानत

उधर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जुहू स्थित बिल्डर मुनाफ शेख की हत्या के लिए तीन आरोपियों को जमानत दी। अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टया यह नहीं कहा जा सकता है कि मृतक मुनाफ शेख को खत्म करने की साजिश में याचिकाकर्ता शामिल थे। पुलिस उनकी संलिप्तता साबित करने पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम रही। 9 अगस्त 2020 की सुबह नमाज पढ़ने जाते समय मुनाफ शेख की इरला मस्जिद के बाहर चाकू मार कर हत्या कर दी गई थी। न्यायमूर्ति मनीष एम.पितले की एकलपीठ के समक्ष आरोपी बिल्डर खलील पेशकर खान और उनके बेटे वसीम एवं भाई नसीम की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा ने दलील दी कि बिल्डर मुनाफ शेख की हत्या की साजिश रचने के पीछे याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई मकसद नहीं बताया जा सकता। याचिकाकर्ताओं को भी 2022 के हाईकोर्ट के आदेश का लाभ मिलना चाहिए, क्योंकि उन पर केवल सह-साजिशकर्ता होने का दावा किया गया है। अभियोजन की पूरी कहानी प्रथम दृष्टया हाईकोर्ट के निष्कर्षों के सामने ढह जाती है। पुलिस ने याचिकाकर्ताओं को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गलत तरीके से फंसाया है, क्योंकि उनके खिलाफ गिरोह में शामिल होने का कोई सबूत नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि मृतक मुनाफ को खत्म करने की साजिश के साथ याचिकाकर्ताओं को जोड़ने के लिए कोई सामग्री नहीं है। जांच अधिकारी के पास आरोपपत्र में 112 गवाहों की एक सूची है, जिसमें इस बात का कोई संकेत नहीं है कि मुकदमा कब शुरू होगा? और निकट भविष्य में मुकदमे का पूरा होना संभव नहीं है। इसलिए याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा किया जाता है। अंधेरी (प.) में 9 अगस्त 2020 की सुबह नमाज पढ़ने जाते समय मुनाफ शेख की इरला मस्जिद के बाहर चाकू मार कर हत्या कर दी गई थी। जुहू पुलिस ने इस मामले में बिल्डर खलील पेशकर खान और उनके बेटे वसीम एवं भाई नसीम समेत 6 आरोपियों गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी व्यक्तियों ने झोपड़पट्‌टी क्षेत्र पुनर्विकास परियोजना से संबंधित व्यावसायिक और व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के कारण मुनाफ को खत्म करने की साजिश रची। इस मामले में ज्यादातर आरोपियों को जमानत मिल गई है।

Created On :   11 Aug 2024 9:45 PM IST

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