विधानसभा चुनाव: सीट बंटवारे से पहले दोनों गठबंधनों ने अलग-अलग शुरू किया सर्वे, सीएम को लेकर महाआघाडी में बवाल

सीट बंटवारे से पहले दोनों गठबंधनों ने अलग-अलग शुरू किया सर्वे, सीएम को लेकर महाआघाडी में बवाल
  • महाआघाडी संयुक्त रूप से जबकि युति के तीनों दल कर रहे हैं अलग-अलग सर्वे
  • सर्वे में नेगेटिव रिपोर्ट मिलने पर कटेगा टिकट
  • संजय राऊत ने कहा - कांग्रेस के पास भी कोई मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है, तो उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव घोषित होने में कुछ समय बचा है लेकिन उससे पहले ही महाविकास आघाडी और महायुति के दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। महाआघाडी ने जहां सीटों के बंटवारे के लिए संयुक्त रूप से सर्वे करने का फैसला किया है, वहीं महायुति के तीनों दल भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) अलग-अलग सर्वे कर रहे हैं। खबर है कि सर्वे के आंकड़ों के आधार पर ही राज्य में दोनों गठबंधनों की पार्टियों मे सीटों का बंटवारा होगा। सूत्रों का कहना है कि सर्वे से पहले ही दोनों ही गठबंधनों ने तय कर लिया है कि अगर मौजूदा विधायक की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो फिर उसका टिकट काटने में कोई संकोच नहीं किया जाएगा।

दरअसल 'दैनिक भास्कर' ने कुछ दिनों पहले ही खबर प्रकाशित की थी जिसमें महाविकास आघाडी के संयुक्त सर्वे कराने की बात कही गई थी। उसी के अनुसार आघाडी के तीनों दलों ने एक नोडल एजेंसी को नियुक्त कर सर्वे की शुरुआत कर दी है। यह नोडल एजेंसी महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर सर्वे शुरू कर चुकी है और अगले कुछ दिनों में ही इस सर्वे को तीनों पार्टियों के नेताओं के साथ एक साथ साझा किया जाएगा। उसके बाद ही आघाडी के तीनों दल सीटों के बंटवारे पर चर्चा करेंगे। राकांपा (शरद) के एक नेता ने कहा कि महाआघाडी की बैठक में तय हुआ है कि अगर मौजूदा समय में किसी पार्टी का सीट पर कब्जा है और सर्वे में अगर वह सीट दूसरी पार्टी को जाती हुई दिखाई दे रही है, तो फिर सर्वे के आधार पर ही सीट का बंटवारा होगा।

वहीं महायुति के तीनों दलों ने अलग-अलग सर्वे करना शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि तीनों ही दल अलग-अलग स्वतंत्र एजेंसी से सर्वे करा रहे हैं। शिवसेना (शिंदे) के एक नेता ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनकी पार्टी ने एक सर्वे कराया था जिसमें महायुति के पक्ष में 170 से ज्यादा सीटें सर्वे में बताई गई थीं। हालांकि सर्वे को अभी तक शिंदे गुट ने अपने साथी दलों भाजपा और अजित गुट के साथ ही साझा किया है। खबर है कि महायुति के तीनों ही दल राज्य सरकार द्वारा घोषित की गई 'मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना' के बाद सर्वे कर मौजूदा हालात जानना चाहते हैं। यही कारण है कि तीनों ही पार्टियों ने अलग-अलग सर्वे करने का फैसला किया है।

सर्वे में नेगेटिव रिपोर्ट मिलने पर कटेगा टिकट

हालांकि दोनों ही गठबंधन में यह पहले ही तय हो गया है कि अगर किसी भी दल के मौजूदा वर्तमान विधायक की रिपोर्ट सर्वे में नेगेटिव आती है तो फिर कोई भी पार्टी उस विधायक का टिकट काटने में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। हालांकि इसको लेकर दोनों ही गठबंधनों के कुछ नेताओं में विरोधाभास भी देखने को मिल रहा है।

संजय राऊत ने कहा - कांग्रेस के पास भी कोई मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है, तो उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए

उधर महाविकास आघाडी की बात करें तो अभी तक आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर बात शुरू भी नहीं हो पाई है, उससे पहले ही आघाडी में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। कुछ दिनों पहले शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने बयान दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में एक बार फिर महाआघाडी की सरकार आएगी। हमें विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। कांग्रेस ने राऊत के बयान पर नाराजगी जताई थी। जिसके बाद राऊत ने फिर से पलटवार करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के पास भी कोई मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है तो उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में एक बार फिर ठाकरे-2 सरकार आएगी।

संजय राऊत के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हम कई बार कह चुके हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव महाविकास आघाडी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। चुनाव के बाद बहुमत मिलने के बाद ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा होगी। पटोले ने कहा कि अगर राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार या फिर शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बयान देते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे। लेकिन हम दूसरे नेताओं के बयानों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। पटोले के बयान पर राऊत ने फिर पलटवार करते हुए कहा कि साल 2019 के चुनाव के बाद मैंने कहा था कि उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि पटोले ने सही कहा कि राज्य में महाआघाडी की सरकार आएगी और मुख्यमंत्री हमारा बनेगा। राऊत ने कहा कि अगर नाना पटोले के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा है तो उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। हमें इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं है।

राऊत ने कहा कि कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर क्या कहना है और क्या नहीं कहना है, यह उनका निजी मामला है। लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताना चाहिए। कांग्रेस के पास बालासाहेब थोरात, विजय वडेट्टीवार और नाना पटोले जैसे नेता हैं। कांग्रेस को कम से कम 10 लोगों की सूची घोषित करनी चाहिए कि हमारे पास मुख्यमंत्री पद के 10 चेहरे हैं। आघाडी में मुख्यमंत्री पद को लेकर मचे घमासान को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि जिन दलों में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर हाय तौबा मच रही है तो वह चुनाव क्या लड़ेंगे। मुनगंटीवार ने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा आघाडी के दलों में झगड़ा सड़कों पर देखने को मिलेगा।

Created On :   13 Aug 2024 10:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story