भास्कर खास - सड़क सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने की योजना पर फिरा पानी

भास्कर खास - सड़क सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने की योजना पर फिरा पानी
  • पायलट प्रोजेक्ट की हवा निकली
  • जिम्मेदार संस्थानों की लापरवाही
  • नजर नहीं आती योजना

डिजिटल डेस्क, नागपुर. उपराजधानी में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना थी। इसके तहत शहर की लगभग सभी सड़कों का ब्योरा तैयार कर सड़क पर मौजूद गड्ढे, व्यवधान, ब्लैक स्पॉट, ग्रे-स्पॉट, चौक, अंधा मोड़, दुर्घटना संभावित स्थल आदि की जानकारी एकत्रित करने की योजना बनाई गई। इस जानकारी के आधार पर सड़कों में सुधार की भी योजना थी।

पायलट प्रोजेक्ट की हवा निकली

सड़क परिवहन को अधिक सुरक्षित करने के लिए देश भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना था। केंद्रीय विज्ञान व प्राैद्योगिकी मंत्रालय द्वारा नागपुर से इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने की घोषणा की गई थी। आर्टिफिशियल इंटलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल सड़क पर खतरों को भांपने, दुर्घटना के प्रति वाहन चालक को समय पर सचेत करने, सड़क सुरक्षा के लिए विविध स्तर पर सुधार करने के लिए करने की योजना बनाई गई। बताया गया कि इस तकनीक में प्रौद्योगिकी व अभियांत्रिकी के जरिए सड़क सुरक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्तापूर्ण उपाय योजना(आयआरएएसटीइ) का उपयोग कर वाहन चालकों को सड़क दुर्घटना से पूर्व ही सचेत किया जा सकेगा। एडवांस ड्राइव्हर एसिस्टंस सिस्टम(एडीएएसआइ) के जरिए वाहन चालकों को जानकारी मुहैया कराई जाएगी। इस प्रकल्प के तहत सभी मार्गों का विश्लेषण कर सड़कों के खराब हिस्सों का ढूंढा जा सकेगा। इस नई तकनीक के जरिए न सिर्फ सड़क से संबंधित मूलभूत सुविधाओं में सुधार किया जा सकेगा, अपितु दुर्घटना संभावित स्थलों को भी चिन्हांकित किया जा सकेगा।

जिम्मेदार संस्थानों की लापरवाही

आय-रास्ते प्रकल्प के तहत गत वर्ष 20 बसों में एक डिवाइस लगाकर सड़क पर माैजूद व्यवधान, ब्लैक स्पॉट आदि का अध्ययन करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन पिछले कुछ समय से न तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हो पा रहा है, न ही सड़कों का ब्योरा संकलित किया गया है। बसों में लगाई जाने वाली डिवाइस की संख्या में वृद्धि भी नहीं की गई। जिम्मेदार संस्थानों की इस लापरवाही की वजह से सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

कहीं नजर नहीं आती योजना

आय-रास्ते प्रकल्प, आय-हब फाउंडेशन, भारतीय तंत्रज्ञान संस्था- हैदराबाद, नवोन्मेष केंद्र, जे विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से शुरू डाटा बैंक व डाटा सेवा अंतर्गत अंतरशाखीय सायबर भौतिक व्यवस्था राष्ट्रीय मिशन, अप्लाइड कृत्रिम बुद्धिमत्ता संशोधन संस्था की मदद से यह प्रकल्प अमल में लाने का निर्णय लिया गया, जिसका अस्तित्व ही अब नजर नहीं आ रहा है।

Created On :   29 May 2023 7:39 PM IST

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