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रणनीति: बीएमसी चुनाव पर पड़ेगा बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों का असर, अजित गुट के उम्मीदवारों की जमानत जब्त, जानिए - शिंदे का नया चुनावी मंत्र और बावनकुले बने चुनाव प्रभारी

- विपक्ष की रणनीति पर उठे सवाल, बिहार चुनाव ट्रेलर, पिक्चर बीएमसी चुनाव में दिखेगी
- बिहार चुनाव में अजित पवार की राकांपा के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त
- शिंदे का पार्टी नेताओं को चुनावी मंत्र, भाजपा और अजित गुट पर न करें सीधा हमला
Mumbai News. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने राष्ट्रीय राजनीति के साथ-साथ महाराष्ट्र की सियासत में भी हलचल बढ़ा दी है। राज्य में नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव घोषित हो चुके हैं और अगले कुछ ही दिनों में मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव की घोषणा होने वाली है। बिहार के नतीजों ने राज्य के विपक्षी दलों को सोचने के साथ-साथ अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में हुए मुकाबले और उसके परिणाम का सीधा असर बीएमसी चुनाव की रणनीतियों पर दिखने वाला है। चुनावी नतीजों के बाद महाविकास आघाडी के दल शिवसेना (उद्धव) ने अपने ही सहयोगी दल कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव में कांग्रेस सीट बंटवारे में बड़ा हिस्सा मांगती है। बिहार चुनाव नतीजों के बाद अब उन्हें अपनी रणनीति बदलनी होगी।
हर्षवर्धन सपकाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक बिहार चुनाव का हमने एकतरफा परिणाम देखा है। साफ है कि बिहार में वोट चोरी हुई है, एसआईआर भी एक कारण है। बिहार चुनाव नतीजों का श्रेय चुनाव आयोग और ज्ञानेश कुमार को जाता है।
अजित पवार, उपमुख्यमंत्री ने कहा बिहार की जीत डबल इंजन की सरकार की जीत है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जनता के विश्वास की जीत है। ये सुशासन की जीत है।
संजय राऊत, प्रवक्ता, शिवसेना (उद्धव) ने कहा बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से चौंकने की जरूरत नहीं है। जो राष्ट्रीय कार्य चुनाव आयोग और भाजपा ने मिलकर शुरू किया, उसे देखते हुए इससे अलग नतीजा आ ही नहीं सकता था! बिल्कुल महाराष्ट्र पैटर्न जैसा। जिस गठबंधन के सत्ता में आने की पूरी संभावना थी, उसे 50 के अंदर समेट दिया गया।
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बिहार चुनाव में अजित पवार की राकांपा के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बड़ा उलटफेर करते हुए महागठबंधन को करारी हार का स्वाद चखाया है। इस चुनाव में राकांपा (अजित) अध्यक्ष अजित पवार ने भी 16 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन सभी उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में असफल रहे। राकांपा (अजित) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा है लिहाजा उन्होंने बिहार चुनाव लड़ने का फैसला किया था। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बृजमोहन श्रीवास्तव ने बताया कि चूंकि बिहार में हमारा कैडर है, इसलिए हमने यह विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था। श्रीवास्तव ने कहा कि भले ही हमें विधानसभा चुनाव में कामयाबी नहीं मिली लेकिन हम आगामी नगरपालिकाओं का चुनाव और तैयारी के साथ लड़ेंगे। अजित पवार की राकांपा ने इस चुनाव में कुल 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। शुरुआती रुझानों में किसी भी उम्मीदवार को बढ़त तो दूर 500 वोट तक भी नहीं मिलते दिखाई दे रहे थे। लेकिन मतगणना समाप्त होने तक मनिहारी विधानसभा सीट से प्रत्याशी सैफ अली खान 4 हजार 26 वोट पाने में सफल रहे। जबकि पिपरा सीट ने अमित कुमार कुशवाहा ने 2 हजार 41 वोट हासिल किए। बाकी के 14 उम्मीदवारों को इस चुनाव में एक हजार से कम वोट मिले हैं। पार्टी महासचिव श्रीवास्तव ने कहा कि हमने यह चुनाव कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए लढा। क्योंकि बिहार से साल 2010 और 2015 में दो बार विधायक और तारिक अनवर सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए से गठबंधन नहीं होने के चलते अजित गुट ने यह चुनाव अपने दम पर लड़ा था। वैसे सभी सीटों पर अजित गुट के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने से अब राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे पर खतरा हो सकता है।
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शिंदे का पार्टी नेताओं को चुनावी मंत्र, भाजपा और अजित गुट पर न करें सीधा हमला
महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी चुनावों को लेकर शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं। गुरूवार देर रात शिंदे ने अपने आवास पर बैठक में कहा कि चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा और अजित पवार गुट पर सीधे हमले से बचें। उन्होंने कहा कि पार्टी की छवि को सकारात्मक बनाए रखना जरूरी है। जनता के बीच मुद्दों और विकास कार्यों को चुनाव में लेकर जाया जाए। व्यक्तिगत हमले से मतदाताओं में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट की यह रणनीति सॉफ्ट पॉलिटिक्स पर जोर देने वाली है, ताकि गठबंधन की ताकत और संदेश स्पष्ट रूप से जनता तक पहुंचे।
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राजस्व मंत्री बावनकुले बने चुनाव प्रभारी
भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनाव के लिए 29 सदस्यीय प्रदेश संचालन समिति का गठन कर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के नेतृत्व में संचालन समिति बनाई गई है। जबकि प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले चुनाव प्रभारी होंगे। वहीं संयोजक के रूप में माधवी नाईक, सहसंयोजक श्रीकांत भारतीय और समन्वयक विक्रांत पाटील को बनाया गया है। वहीं समिति में 24 सदस्य नियुक्त किए गए हैं। समिति के सदस्य के रूप में प्रसाद लाड, योगेश सागर, प्रवीण दरेकर, श्वेता शालिनी, राजेश पांडे, प्रशांत कुलकर्णी, सुनील कर्जतकर, विश्वास पाठक, माधव भंडारी, दिनेश थिटे, केशव उपाध्ये, नवनाथ बन, मनोज पांगारकर, निरंजन डावखरे, भारती पवार, चित्रा वाघ, योगेश मैंद, भैरवी वाघ, जेसल कोठारी, अरुण लखानी समेत अन्य नेताओं को शामिल किया गया है। राज्य के 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव के लिए 2 दिसंबर को मतदान होगा। जबकि जिला परिषद, पंचायत समितियों और महानगर पालिकाओं के चुनाव की तारीख जल्द ही घोषित होगी।
Created On :   14 Nov 2025 9:48 PM IST












