कर्नाटक विस चुनाव में हिट रहे महाराष्ट्र के कांग्रेसी, चुनाव प्रचार में झोंकी थी ताकत

कर्नाटक विस चुनाव में हिट रहे महाराष्ट्र के कांग्रेसी, चुनाव प्रचार में झोंकी थी ताकत
महाराष्ट्र से कर्नाटक गए सभी नेताओं का फोकस महाराष्ट्र की सीमा से सटे बेलगांव पर था। बेलगांव में कुल 18 ऐसी सीटें हैं जिन पर मराठी वोटरों का वर्चस्व है। इनमें 11 सीटों पर कांग्रेस और 7 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली सत्ता ने महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। राज्य की तीनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस,भाजपा व राकांपा नेताओं ने कर्नाटक चुनाव में अपने-अपने दलों के लिए चुनाव प्रचार किया था। जबकि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रवक्ता सांसद संजय राऊत बेलगांव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने गए थे। राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने 16 चुनावी सभाओं को संबोधित किया तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले 15 चुनावी सभाओं में पहुंचे तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने 6 जगहों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे। कांग्रेस के लिए प्रचार करने कर्नाटक जाने वाले कांग्रेस नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी शामिल थे।

कर्नाटक में मिली जीत ने महाविकास आघाडी के नेताओं में जोश भर दिया है। जबकि भाजपा और शिंदे गुट बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि किन नेताओं ने कर्नाटक में कितनी सीटों पर चुनाव प्रचार किया और कितनी सीटों पर उन्हें जीत हासिल हुई।

फडणवीस ने 16 चुनावी सभा कीं, जीत 6 सीटों पर मिली : राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए कई बार कर्नाटक गए थे। उन्होंने वहां 16 चुनावी सभाओं को संबोधित करने के लिए अलावा कुछ रोड शो में भी हिस्सा लिया था। फडणवीस ने 14 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया था, जिसमें से भाजपा को सिर्फ 6 सीटों पर ही जीत हासिल हुई है। जिन सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई उनमें निपाणी, हुबली धारवाड़ और बेलगांव दक्षिण की सीट शामिल है।

पटोले ने 15 सीटों पर किया प्रचार 10 पर जीत मिली : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी कर्नाटक में 15 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिसमें कुछ सीटें बेलगांव की भी थीं। पटोले ने बताया कि उन्होंने जिन 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे थे उनमें से 10 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। पटोले ने शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राकांपा ने निपाणी की सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा होता तो वहां से भी कांग्रेस के उम्मीदवार की ही जीत होती। पटोले ने कहा कि कर्नाटक में मिली कांग्रेस की जीत ने 2024 की जीत का आगाज कर दिया है।

राकांपा का खाता नहीं खुला : राकांपा ने भी कर्नाटक में 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सभी को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने खुद ने निपाणी में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था लेकिन उस सीट पर भी उनके उम्मीदवार को कुछ खास वोट नहीं मिले। पवार ने चुनाव परिणाम पर बात करते हुए कहा कि कर्नाटक में राकांपा मजबूत नहीं है लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार हुई है।

पवार ने कहा कि जनता ने महंगाई और बेरोजगारी का गुस्सा वोट देकर निकाला है। उन्होंने कहा कि यह 2024 के चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा संकेत है।

मुनगंटीवार ने दो सीट पर प्रचार किया एक पर जीत मिली

कर्नाटक की 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार करने वाले राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि जिन 2 सीटों पर उन्होंने चुनाव प्रचार किया था उसमें से भाजपा ने 1 सीट पर जीत हासिल की है जबकि एक पर उसे हार का सामना करना पड़ा है। मुनगंटीवार ने कहा कि कांग्रेस ने ध्रुवीकरण के चलते इस चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जिस तरह से बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था, इससे मुसलमान वोटों का ध्रुवीकरण हो गया और जेडीएस के सभी वोट कांग्रेस को चले गए।

Created On :   14 May 2023 4:50 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story