कौशल्य विभाग अब दूसरे विभागों को नहीं देगा जमीन

राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ही दूसरे विभागों को दी जा सकेगी जमीन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार विभाग ने अपने अधीन शिक्षा संस्थानों की जमीनों को दूसरे किसी विभाग को नहीं देने का फैसला लिया है। शुक्रवार को राज्य के कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार विभाग के अधीन सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई), सरकारी तकनीकी माध्यमिक स्कूल और छात्रावासों की जमीन किसी दूसरे विभाग, संस्थान, मंडल और महामंडल को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। हालांकि अपवादात्मक परिस्थिति जैसे आपातकालीन स्थिति, प्राकृतिक आपदा अथवा अन्य प्रकार की घटनाओं के समय राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी से ही दूसरे विभागों को जमीन दी जा सकती है।
सरकार का कहना है कि कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार विभाग के तहत व्यवसाय प्रशिक्षण व प्रशिक्षण निदेशालय कार्यरत है। इस निदेशालय की स्थापना उद्योगों के लिए आवश्यक कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने की है। इसके मद्देनजर राज्य में 419 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, 163 सरकारी तकनीकी माध्यमिक स्कूल और 219 छात्रावास कार्यरत हैं। इन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को आईटीआई का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। इन सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की विभिन्न विभागों, जिलों और तहसीलों में उपलब्ध जमीन को दूसरे विभाग मांगते हैं। लेकिन अब बदलते दौर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रमों को तकनीकी से जुड़ा जा रहा है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर अद्यतन कौशल्य पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरु करने, अल्पावधि का कौशल्य आधारित कोर्स शुरु करने, कौशल्य प्रशिक्षण केंद्र, मॉडल करियर सेंटर स्थापित करने, महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विश्वविद्यालय के उपकेंद्रों को जगह उपलब्ध कराने के लिए जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए अतिरिक्त जमीन की भी आवश्यकता होगी। इसके मद्देनजर कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार विभाग ने दूसरे विभागों को जमीन नहीं देने का फैसला लिया है।

Created On :   30 Jun 2023 7:04 PM IST

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