चीनी कारखाना क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों का आर्थिक और यौन शोषण

चीनी कारखाना क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों का आर्थिक और यौन शोषण
  • राज्य सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल करेगी हलफनामा
  • सुमोटो याचिका पर सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार चीनी कारखाना क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों साथ होने वाले आर्थिक और यौन शोषण पर हलफनामा दाखिल करेगा। अदालत ने इस मामले को एक समाचार पत्र में प्रकाशित लेख पर स्वत: संज्ञान में लिया है। वकील प्रज्ञा तालेकर की ओर से अदालत में सुमोटो याचिका दायर की गयी है।

पिछले दोनों तत्कालीन कार्यकारी न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ ने सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। इस दौरान सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता डॉ. वीरेंद्र सराफ ने खंडपीठ से याचिका पर विचार करने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया था। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जून को रखा था। चीनी कारखाने के क्षेत्र को श्रमिक क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया था। चीनी कारखाने के श्रमिक सभी लाभों के हकदार हैं। याचिका में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम, 2013 और नीलम गोर्हे समिति की सिफारिशों को भी संज्ञान में लिया गया है।

वकील प्रज्ञा तालेकर की याचिका में प्रवासी श्रमिकों की वैधानिक न्यूनतम मजदूरी, भविष्य निधि, अवकाश, बीमा, मातृत्व लाभ, यौन उत्पीड़न से सुरक्षा और अन्य सेवा शर्तों के लिए उनका अधिकार शामिल है। प्रवासी श्रमिकों के लिए कल्याणकारी उपायों के संबंध में सरकार की कई नीतियों को रिकॉर्ड में रखा गया है और राज्य से उनके कार्यान्वयन की मांगी गई है।

Created On :   18 Jun 2023 8:17 PM IST

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