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हार्ट अटैक से कैसे बचें, 19 जिलों में खुलेंगे केंद्र
- हार्ट अटैक से कैसे बचें, शुरू होंगे कैथ लैब
- मुंबई, ठाणे सहित 19 जिलों में खुलेंगे केंद्र
- हार्ट अटैक से कैसे बचें, शुरू होंगे कैथ लैब
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। हृदय रोग (हार्ट अटैक) की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने मुंबई, ठाणे सहित विभिन्न जिला अस्पतालों में हार्ट अटैक के इलाज के लिए 19 कैथ लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। सब कुछ समय पर रहा, तो आगामी दो से ढाई वर्षों में सभी कैथ लैब शुरू हो जाएंगे। कैथ लैब के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अपनी एसटी एलिवेशन मायोकार्डिअल इन्फ्रक्शन (स्टेमी) परियोजना का 34 जिलों में विस्तार कर इस वर्ष 7 लाख ईसीजी करने का लक्ष्य रखा है।
राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में राज्य बीमा योजना से 233 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय कोष को कैसे खर्च किया जाए, इस पर कई चर्चाओं के बाद निर्णय लिया गया था। शुरुआत में चार रेडियो थेरेपी इकाइयों के साथ-साथ 19 कैथ लैब पर राशि खर्च करने की तैयारी की गई थी। लेकिन एक समीक्षा में पता चला कि उपलब्ध निधि से ज्यादा रेडियो थेरेपी केंद्र पर खर्च हो रहा था। इसलिए बाद में सिर्फ कैथ लैब पर उक्त निधि खर्च किए जाने का निर्णय लिया गया।
प्रत्येक कैथ लैब की लागत 14.5 करोड़ रुपए
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि एक कैथ लैब को शुरु करने में करीब 14.5 करोड़ रुपए का खर्च आता है। वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, राज्य में पहले से ही 20 से अधिक सुपरस्पेशलिटी अस्पताल हैं, जहां एंजियोप्लास्टी और हृदय संबंधित सर्जरी आदि की जाती है। हालांकि जिला अस्पताल ऐसी विशेष सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दिल के दौरे की घटनाएं भी बढ़ रही हैं, इसलिए जिला अस्पतालों में कैथ लैब स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की गई है।
स्टेमी परियोजना की सहायक है कैथ लैब
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कैथ लैब भी एसटी एलिवेशन मायोकार्डिअल इन्फ्रक्शन (स्टेमी) परियोजनाओं की सहायक है। यह परियोजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य सार्वजनिक केंद्रों में सीने में दर्द के साथ आने वाले लोगों में हार्ट अटैक का पता लगाना है।
5 लाख लोगों की गई ईसीजी
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गोल्डन आवर के भीतर हार्ट अटैक का पता लगाने और उससे निपटने के लिए स्टेमी कार्यक्रम शुरू करने के लिए एक निजी स्वास्थ्य सेवा कंपनी के साथ करार किया था। 2020 में 12 जिलों में इसकी शुरुआत की गई थी। इसके तहत 148 उपजिला अस्पताल, पब्लिक हेल्थ सेंटर में छोटे-छोटे 148 केंद्र शुरू किए गए थे। यहां सीने में दर्द की शिकायत लेकर आनेवाले लोगों की ईसीजी की जाती थी और ईसीजी में जरा भी हार्ट अटैक की जानकारी मिलती, तो फौरन इन्हें सरकारी व निजी अस्पतालों में रेफर किया जाता था। वर्ष 2020 से 2023 मई तक पांच लाख से अधिक ईसीजी किए गए हैं। इनमें से 4,329 को हार्ट अटैक होने की जानकारी मिलने पर उन्हें निकटतम सरकारी अस्पताल में मुफ्त में इलाज दिया गया।
यहां शुरू होंगे कैथ लैब
मुंबई (उपनगर), ठाणे, रत्नागिरी, पुणे, जालना, अहमदनगर, धुलिया, बीड़, हिंगोली, बुलढाणा, परभणी, गडचिरोली, भंडारा, कराड, छत्रपति संभाजी नगर, वर्धा, वासिम, नांदेड़ और सिंधुदुर्ग जिले में कैथ लैब शुरू किए जाएंगे।
डॉ. स्वप्निल लाले, निदेशक-राज्य स्वास्थ्य सेवाएं के मुताबिक हाल ही में कैथ लैब शुरू करने का निर्णय लिया गया है और अगले कुछ महीनों में इसके लिए उपकरणों की खरीदी के लिए निविदा जारी की जाएगी।
Created On :   18 Jun 2023 4:45 PM IST