रिपोर्ट: दिलचस्प जानकारी - राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुकाबले ज्यादा सोते हैं मुंबईकर

दिलचस्प जानकारी - राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुकाबले ज्यादा सोते हैं मुंबईकर
  • मुंबई के 38 फीसदी और दिल्ली के 34 फीसदी लोग लेते हैं 6 से 8 घंटे नींद
  • देश के सिर्फ 28 फीसदी लोगों ने ही एक साल में ली पर्याप्त नींद

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। कभी न रुकने वाली, कभी न थमनेवाली और कभी न सोनेवाली मुंबई को लेकर एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है। यह जानकारी ‘विश्व स्लीप डे’ के परिप्रेक्ष्य पर एक निजी संस्थान द्वारा नींद को लेकर देशभर के लोगों पर किए गए एक सर्वे में सामने आई है। इस सर्वे के अनुसार देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के 38 फीसदी लोग और दिल्ली के 34 फीसदी लोग रोजाना 6 से 8 घंटे तक सोते हैं। कहा जाता है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोजाना कम से कम 8 घंटा जरूर सोना चाहिए। आज के समय में नींद से जुड़ी कई बीमारियां हो रही हैं, जिसके प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 15 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में लोकल सर्किल नामक संस्था ने एक सर्वे किया था। संस्था के फाउंडर सचिन तपाड़िया ने बताया कि इस सर्वे में देशभर के लोग कितने घंटे सोते है? उनकी नींद में बाधा किस वजह से आती है? कोविड और कोविड के बाद उनकी नींद में कोई सुधार हुआ है क्या? यह जानने का प्रयास किया गया। इस सर्वे में शामिल देशभर के 41 हजार प्रतिभागियों में से 28 फीसदी लोगों ने बताया कि बीते एक वर्ष में उन्होंने रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद पूरी की है। बात अगर देश के दो प्रमुख शहरों की करें तो 6 से 8 घंटे तक सोने के मामले में मुंबईकरों ने दिल्ली को पछाड़ दिया है। मुंबई के 38 फीसदी तो दिल्ली के 34 फीसदी लोग 6 से 8 घंटे तक रोजाना सोते हैं। जबकि 4 घंटे सोने के मामले में भी मुंबईवासी आगे हैं। 39 फीसदी मुंबईकरों ने बताया कि बीते एक वर्षभर में उन्हें रोजाना 4 से 6 घंटे की नींद मिली है। जबकि 37 फीसदी दिल्लीवासियों ने बताया कि वे 4 से 6 घंटा सो पाए हैं।

मुंबई की अपेक्षा दिल्ली को कम सताते हैं मच्छर

मुंबई के 51 फीसदी लोगों ने बताया कि उनकी 8 घंटे की नींद में सबसे बड़ी बाधा सुबह जल्दी उठना है। जबकि 44 फीसदी दिल्लीवासियों ने 8 घंटे की नींद में सबसे बड़ी बाधा उनका बार-बार वॉशरूम जाना बताया है। 22 फीसदी मुंबईकरों ने बताया कि उनकी 8 घंटे की नींद में मच्छर जैसे कारक खलल डालते हैं, जबकि दिल्ली के सिर्फ 18 फीसदी लोगों की नींद में खलल की वजह मच्छर हैं।

कोविडकाल के बाद भी नहीं हुआ बदलाव

मुंबई और दिल्ली के अधिकांश प्रतिभागियों ने बताया कि कोविडकाल और मौजूदा समय की तुलना में उनकी नींद में कोई सुधार नहीं आया है। दिल्ली के 66 फीसदी और मुंबई के 59 फीसदी लोगों ने बताया कि कोविड काल की तुलना में अभी भी वह उतना घंटा ही सोते हैं। इसी तरह दिल्ली के 23 फीसदी और मुंबई के 36 फीसदी लोगों ने बताया कि कोविडकाल की तुलना में वर्तमान में उनकी नींद कम हो गई है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद मिलना जरूरी

वॉकहार्ट अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश मखीजा ने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद मिलना जरूरी है। उन्होंने उन सड़क हादसों पर भी रोशनी डाली जो नींद की कमी की वजह से हुई है। उन्होंने बताया कि अच्छी नींद हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। हमारी याददाश्त और इम्यून सिस्टम के लिए भी नींद बहुत ज़रूरी होती है।

Created On :   15 March 2024 5:19 PM IST

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