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जुनून : दो हजार से ज्यादा लापता लोगों को परिवार से मिला चुके हैं पुलिसकर्मी राजेश पांडे
- सुलझाए मामलों पर आधारित वेब सीरीज बनेगी
- इस तरह बना ‘पांडे मॉडल’
- देशभर के गुमशुदगी के मामलों में करते हैं मदद
डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र, मुंबई। महानगर के अंधेरी पुलिस स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल राजेश पांडे अब तक दो हजार से ज्यादा गुमशुदा लोगों को दोबारा उनके परिवारों से मिला चुके हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं। इस क्षेत्र में पांडे ने इस कदर महारत हासिल कर ली है कि वरिष्ठ अधिकारियों के बुलावे पर वह महानगर के सभी पुलिस स्टेशनों में जाकर पुलिसकर्मियों को यह सिखाते है गुमशुदगी के मामले कैसे सुलझाए जाएं। पांडे जिस पुलिस स्टेशन में तैनात रहें हैं, वहां गुमशुदगी का कोई मामला अनसुलझा नहीं बचता। आमतौर पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिसवालों पर बायोपिक बनाने वाला बॉलीवुड भी पांडे के काम से इतना प्रभावित है कि जल्द ही उनके द्वारा सुलझाए मामलों पर आधारित वेब सीरीज बनने जा रही है। पांडे ने बताया कि वह मुंबई पुलिस में तो साल 1993 में भर्ती हुए थे, लेकिन गुमशुदा लोगों को खोजने का जुनून साल 2011 से शुरू हुआ।
हेड कांस्टेबल राजेश पांडे को हाल ही में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल गौरव पदक सम्मान दिया गया।
दरअसल, एक महिला का बेटा खो गया था। मामले की जांच की जिम्मेदारी मिली, तो पांडे ने कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को उत्तर प्रदेश से खोज निकाला। बच्चे की मां से अलग हो चुके उसके पिता ने ही उसे अगवा कर लिया था। इस मामले की गुत्थी सुलझाने के बाद परेशान मां ने जिस तरह धन्यवाद दिया और वरिष्ठ अधिकारियों ने पीठ थपथपाई, इसके बाद पांडे ने गुमशुदा लोगों की तलाश को ही मिशन बना लिया।
इस तरह बना ‘पांडे मॉडल’इस तरह बना ‘पांडे मॉडल’
पांडे जिस पुलिस स्टेशन में होते, गुमशुदगी के मामलों की छानबीन उन्हें ही सौंपी जाती और कोई ऐसा मामला नहीं बचता जिसे वे सुलझा नहीं पाते। इसी तरह गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए ‘पांडे मॉडल’ मशहूर हो गया। 2018 में तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर दत्ता पडसलगीकर ने गुमशुदा लोगों को खोजने के पांडे के तरीके को पांडे मॉडल नाम दिया था और उन्हें दूसरे पुलिसवालों को यह मॉडल सिखाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जो अब भी जारी है। पांडे ने कहा कि गुमशुदगी के मामलों में समय बेहद कीमती होता है। शिकायत मिलने के बाद जितनी जल्दी तलाश शुरू होती है, गुमशुदा व्यक्ति के मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है। पांडे को गुमशुदा लोगों को तलाशने के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल गौरव पदक सम्मान दिया गया।
देशभर के गुमशुदगी के मामलों में करते हैं मदद
पांडे देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मियों से जुड़े हैं। राष्ट्रीय स्तर पर गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए बने व्हाट्सएप ग्रुप के ऐडमिन पांडे ही हैं। नेपाल की भी पुलिस इस ग्रुप से जुड़ी हुई है। पांडे ने कहा कि कई बार गुमशुदा दूसरे राज्यों में पहुंच जाते हैं, ऐसे में जल्द और आसानी से संवाद के लिए यह ग्रुप काफी कारगर है। गुमशुदा लोगों और हादसे के शिकार अनजान लोगों से जुड़ी जानकारी इस ग्रुप में साझा की जाती है।
पांडे मॉडल पर जल्द बनेगी वेब सीरीज
निर्माता-निर्देशक हर्ष चौहान ने पांडे पर बायोपिक बनाने के लिए पुलिस विभाग से इजाजत ली है। ‘बॉर्डर’ और ‘मां तुझे सलाम’ जैसी फिल्मों से जुड़े रहे चौहान ने कहा कि काम के प्रति पांडे में जो जुनून और काम को अंजाम तक पहुंचाने की लगन है, उसके चलते मैंने यह बायोपिक बनाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि हमने ‘करमचंद’ और ‘व्योमकेश बक्शी’ जैसे धारावाहिक देखे हैं, जो काल्पनिक कथाओं पर आधारित थे, लेकिन हमने पांडे के पुलिस विभाग में काम करते हुए यह किया है। फिल्मों में भाइयों के बिछुड़ने की कहानी हमने बहुत देखी हैं, लेकिन इस तरह बेहद कम संसाधनों के साथ लोगों को खोजने वाले पुलिसकर्मी को नहीं देखा। जिस तरह वह लोगों को खोजन निकालते हैं, वह बहुत प्रभावित करने वाला है। उन्होंने जो काम किया है, उसे फिल्म में नहीं समेटा जा सकता, इसलिए वेब सीरीज बनाने का फैसला किया गया है।
Created On :   26 Jun 2023 1:30 AM IST