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Mumbai News: फर्जी बार्क वैज्ञानिक मामले में क्राइम ब्रांच का बहुत बड़ा खुलासा - विदेशों से मिली थी फंडिंग

- मुंबई क्राइम ब्रांच को एक खाते का मिला सुराग, बैंक से मांगी गई जानकारी
- अमेरिका, ईरान और इराक से दोनों के बैंक खातों में आए थे करोड़ों रुपए
- जिन बैंक खातों में आए पैसे, उसमें से ज्यादातर को बंद कर चुके हैं आरोपी
- आरोपी फर्जी वैज्ञानिक अख्तर और उसके भाई को विदेशों से मिली थी फंडिंग
Mumbai News. वर्सोवा इलाके से गिरफ्तार किये गए फर्जी बार्क वैज्ञानिक अख्तर हुसैनी और दिल्ली में गिरफ्तार उसके भाई आदिल हुसैनी को लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच ने बहुत बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच की जाँच में पता चला है कि आरोपी भाइयों अख्तर और आदिल को विदेशों से बड़ी फंडिंग मिली थी। यह फंडिंग उन्हें भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) की ख़ुफ़िया जानकारियां मुहैया कराने के एवज में दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ है कि हुसैनी भाइयों को अमेरिका, ईरान और ईराक से करोड़ों रुपयों की फंडिंग उनके बैंक खातों में आयी थी। क्राइम ब्रांच सूत्रों की माने तो इस खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों भाई जासूसी की गतिविधियों में शामिल थे और इसके साक्ष्यों को इकठ्ठा किया जा रहा है।
क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, दोनों भाइयों को वर्ष 1995 से विदेशों से फंडिंग हो रही थी। उस दौर में भी उन्हें अमेरिका, ईरान और इराक से फंडिंग के तौर पर लाखों रुपये मिल रहे थे, क्योंकि दोनों भाइयों ने भाभा और अन्य न्यूक्लियर प्लांटों के फर्जी नक़्शे दिखाकर ख़ुफ़िया जानकारियां देने का दावा किया था। सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2000-2001 के बाद लाखों से बढ़कर करोड़ों की फंडिंग मिलने लगी थी, हालाँकि जाँच के दौरान क्राइम ब्रांच अधिकारीयों को पता चला कि जिन बैंक खातों में दोनों आरोपियों को करोड़ों की फंडिंग मिली,उसमें से ज्यादातर बैंक खाते इन्होने पहले ही बंद कर दिए हैं।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गहन जांच के दौरान उन्हें अख्तर हुसैनी का कोटक बैंक का एक बैंक खाता मिला, जिसकी ट्रांजेक्शन डिटेल्स की जानकारी बैंक को पत्र लिखकर मांगी गई है। बैंक से जानकारी आने के बाद स्पष्ट होगा कि अख्तर को फंडिंग के तौर पर कितने करोड़ का विदेशी फंड मिला था। इसके अतिरिक्त बंद किये बैंक खातों की भी जानकारियां इकठ्ठा करने कोशिश क्राइम ब्रांच कर रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि आदिल के कहने पर आरोपी मुनाजिर खान ने कई और लोगों के फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने लैपटॉप में रखा था।
इसके पीछे के मकसद की जाँच भी की जा रही है। क्राइम ब्रांच को शक है कि आदिल की तरह अख्तर भी पाकिस्तान जा चुका है और उसका भीआईएसआई से लिंक हो सकता है, हालाँकि अभी तक इससे जुड़े एविडेंस को इकठ्ठा करने की कोशिश जारी है। क्राइम ब्रांच जल्द ही दिल्ली स्पेशल सेल से संपर्क करने की तैयारी में है, ताकि आदिल से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अख्तर से पूछताछ की जा सके।
Created On :   1 Nov 2025 8:24 PM IST












