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कॉर्पोरेट कर्मचारियों पर छाया मानसिक स्वास्थ्य का खतरा, महिला कर्मचारी सबसे ज्यादा पीड़ित
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। हाल ही में मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत एक निजी संस्थान द्वारा किए गए सर्वे में कॉर्पोरेट कर्मचारियों पर मंडरा रहे मानसिक स्वास्थ्य के खतरे की बात सामने आई है। इस सर्वे में 48 फीसदी कर्मचारी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से झूझते हुए पाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा पीड़ित महिला कर्मचारी पाई गई हैं। आदित्य बिरला एजुकेशन की पहल 'एमपावर' ने 'मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस कोशेंट @वर्कप्लेस' शीर्षक के तहत मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक सर्वे किया है। इस सर्वे में यह पाया गया कि देश में काम करने वाले लगभग आधे कॉर्पोरेट कर्मचारियों में खराब मेंटल हेल्थ का हाई रिस्क है। कोरोना काल में मेंटल हेल्थ एक सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या उभरकर आई थी। सर्वे से यह भी पता चला कि कार्य स्थल पर नौकरी के बाद फैमिली और रिलेशनशिप मुद्दा मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
डॉ. सपना बांगर, ‘एमपावर' से जुड़ी मनोरोग विशेषज्ञ के मुताबिक इस सर्वे का उद्देश्य देश में विभिन्न इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट्स एम्पलॉइज द्वारा सामना किए जाने वाले मेंटल हेल्थ के इश्यू की व्यापक समझ प्रदान करना है।
आठ शहरों में किया गया सर्वे
मुंबई, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु इन आठ शहरों में यह सर्वे किया गया था। यह सर्वे ई-कॉमर्स, आईटी, हेल्थ केयर, बीपीओ आदि 10 क्षेत्र के तीन हजार कर्मचारियों पर किया गया था। इस सर्वे में कॉर्पोरेट कंपनियों के मैनेजर स्तर के कर्मचारी शामिल थे।
सर्वे से निकले निष्कर्ष
- 56 % महिला कर्मचारी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझती पाई गईं।
- 50% से अधिक सहमत- तनाव के कारण कार्य पर प्रभाव पड़ता है।
- 64 % ई-कॉमर्स क्षेत्र के कर्मचारी खराब मानसिक स्वास्थ्य के ‘खतरे' में हैं।
- 10 में से 9 कर्मचारियों में वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी पाई गई।
- 80% कर्मचारियों ने खराब मानसिक स्वास्थ्य के कारण पिछले वर्ष काम से लगभग दो सप्ताह की छुट्टी ली।
- 94% कर्मचारियों से उनकी छुट्टियों पर काम करने की उम्मीद की जाती है।
- 67% से हर बार छुट्टी पर काम करने की उम्मीद की जाती है।
- 40% से अधिक कर्मचारियों ने माना कि आर्थिक स्थिति उनके लिए चिंता का विषय है।
- 50% कर्मचारी इनकम के लिए वैकल्पिक स्रोत और उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक बेहतर आर्थिक वेलनेस प्रोग्राम की आवश्यकता महसूस करते हैं।
Created On :   10 May 2023 7:20 PM IST