तीन सप्ताह चल सकता है विधान मंडल का मानसून अधिवेशन, टूटेगा 6 साल का रिकॉर्ड

तीन सप्ताह चल सकता है विधान मंडल का मानसून अधिवेशन, टूटेगा 6 साल का रिकॉर्ड
  • क्या टूटेगा रिकार्ड
  • 17 जुलाई से 4 अगस्त के बीच सत्र की तैयारी
  • तीन सप्ताह चल सकता है विधान मंडल का मानसून अधिवेशन

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून अधिवेशन इस बार तीन सप्ताह तक चल सकता है। मानसून सत्र की शुरुआत 17 जुलाई से होगी। इसके मद्देनजर विधान मंडल ने 17 जुलाई से 4 अगस्त तक सत्र के कामकाज के लिए तैयारी शुरु कर दी है। विधान मंडल के दोनों सदनों की कामकाज सलाहकार समिति की आगामी बैठक में अधिवेशन की अवधि को अंतिम मंजूरी प्रदान की जाएगी। मौजूदा तैयारी के अनुसार विधान मंडल का सत्र तीन सप्ताह तक चलेगा तो दोनों सदनों में 15 दिन कामकाज हो सकता है। यदि मानसून सत्र में 15 दिन कामकाज होता है तो पिछले 6 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। क्योंकि पूर्व की भाजपा सरकार के समय 2017 में 14 दिनों तक मानसून सत्र चला था। इसके बाद से अभी तक इतने ज्यादा दिनों तक मानसून सत्र नहीं चल पाया है। साल 2022 में मानसून सत्र 6 दिन, साल 2021 में 2 दिन, साल 2020 में 2 दिन, साल 2019 में 12 दिन और साल 2018 में 13 दिन सदन चला था। कोरोना महामारी के चलते 2020 और 2021 में मानसून सत्र सिर्फ दो-दो दिन चल सका था।

महीने भर चलना चाहिए सत्र

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने शनिवार को ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि मानसून सत्र एक महीने तक चलना चाहिए। विधान मंडल कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में यह मांग की जाएगी। पिछले साल (2022) मानसून अधिवेशन से पहले सरकार बदल गई थी। इसके चलते राजनीतिक माहौल अलग हो गया था। शिंदे-फडणवीस सरकार ने केवल 6 दिनों का मानसून सत्र आयोजित किया था। इस बार कोरोना की भी समस्या नहीं है। ऐसे में सरकार को मानसून सत्र कम से कम एक महीने चलाना चाहिए।

महसूस होती है मंत्रियों की कमी

शिंदे-फडणवीस सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मिलाकर कुल 20 मंत्री हैं। राज्य मंत्रिमंडल में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। पिछले साल जून में मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवसेना के बागी विधायकों और भाजपा की मदद से सरकार बनाई। एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार नहीं हो सका है। मंत्रियों की संख्या कम होने का असर सत्र के दौरान हर दिन देखने को मिलता है। कई बार सदन में जवाब देने के लिए संबंधित विभाग के मंत्री समय पर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। गत मार्च में बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण 1 घंटा 20 मिनट सदन का समय बर्बाद हुआ था। पिछले साल दिसंबर में नागपुर में शीतकालीन सत्र में 20 मिनट और अगस्त में हुए मानसून सत्र में 30 मिनट व्यर्थ चले गए थे।

किस साल कितने दिन चला मानसून अधिवेशन......................वर्ष मानसून सत्र की अवधि (दिन)

2022 6

2021 2

2020 2

2019 12

2018 13

2017 14


Created On :   18 Jun 2023 4:23 PM IST

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