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Mumbai News: साढ़े छह साल लौटकर फिर विपक्ष के मंच पर आए राज ठाकरे, फिर बदली राजनीतिक भूमिका!

- राज ने साल 2019 के लोस चुनाव में विपक्ष को दिया था समर्थन
- आखिर समय तक असमंजस में रही कांग्रेस
Mumbai News. मतदाता सूची में गड़बड़ी के मुद्दे पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के साथ शनिवार को एक मंच पर नजर आए। इससे साथ ही लगभग साढ़े छह साल बाद राज ने एक बार फिर से विपक्षी दलों के साथ मंच साझा किया है। इस बार राज के साथ शिवसेना (उद्धव) भी है। इसके पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राज ने तत्कालीन विपक्षी गठबंधन कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) आघाड़ी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया था।
प्रदेश में दिसंबर-जनवरी महीने में स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं। स्थानीय निकाय चुनाव के लिए शिवसेना (उद्धव) और मनसे का गठबंधन तय माना जा रहा है। उद्धव और राज के बीच गठजोड़ की औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। वहीं कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव के कारण राज को लेकर लगातार असहज नजर आ रही है। कांग्रेस में स्थानीय निकाय चुनाव में राज के साथ गठबंधन को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अपनी स्थित साफ करेगी। हालांकि मुंबई कांग्रेस मनपा चुनाव में अकेले ही लड़ने की तैयारी में जुटी है।
राज ने साल 2019 के लोस चुनाव में विपक्ष को दिया था समर्थन
मनसे ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। लेकिन उस समय राज ने मनसे के मंच से ही भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) के खिलाफ चुनाव प्रचार किया था। कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) के प्रत्याशियों के पक्ष में महौल बनाया था। उस दौरान राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने भाषणों का वीडियो दिखाकर हमला बोला था। मगर बाद में मनसे साल 2019 के विधानसभा चुनाव में अकेले लड़कर सिर्फ एक सीट हासिल कर सकी थी। इसके बाद साल 2024 के लोकसभा चुनाव में राज ने भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बिना शर्त समर्थन दिया था। राज ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए दादर स्थित छत्रपति शिवाजी पार्क मैदान में आयोजित रैली में मोदी के साथ मंच पर साझा किया था। उस चुनाव में मनसे ने एक भी सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारा था। इसके बाद 2024 के विधानसभा चुनाव में मनसे अकेले उतरी। लेकिन एक सीट पर भी जीत नहीं मिल सकी थी।
आखिर समय तक असमंजस में रही कांग्रेस
चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चे में शामिल होने को लेकर कांग्रेस में आखिरी समय तक असमंजस की स्थिति नजर आई। मोर्चा शुरू होने से ऐन पहले कांग्रेस के विधानमंडल दल नेता विजय वड्डेटीवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहब थोरात, विधान परिषद में कांग्रेस के विधायक दल नेता सतेज पाटील, कांग्रेस विधायक भाई जगताप समेत अन्य नेता मौजूद रहे। हालांकि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल मोर्चे से नदारद रहे। मुंबई कांग्रेस के कई पदाधिकारियों का कहना था कि हमें मोर्चे में शामिल होने के लिए निर्देश नहीं मिले थे। इसलिए हम लोगों ने मोर्चे में हिस्सा नहीं लिया।
Created On :   1 Nov 2025 8:56 PM IST












