Mumbai News: अजित पवार उपमुख्यमंत्री रहेंगे तो पुणे जमीन घोटाले की कैसे होगी निष्पक्ष जांच - दमानिया

अजित पवार उपमुख्यमंत्री रहेंगे तो पुणे जमीन घोटाले की कैसे होगी निष्पक्ष जांच - दमानिया
  • दमानिया के आरोपों में कुछ नया नहीं- सूरज
  • अजित पवार उपमुख्यमंत्री रहेंगे तो पुणे जमीन घोटाले की कैसे होगी निष्पक्ष जांच

Mumbai News. पुणे पार्थ पवार जमीन खरीद में कथित अनियमितताओं को लेकर अब सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने मोर्चा खोल दिया है। दमानिया ने कहा कि जब तक राकांपा (अजित) अध्यक्ष अजित पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे, तब तक इस पूरे मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। दमानिया ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस प्रकरण में दोनों पक्षों के बीच हुआ जमीन सौदा कानूनी तौर पर रद्द नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को न्यायालय में याचिका दायर कर यह सौदा रद्द कराना होगा, तभी यह वैध रूप से रद्द माना जाएगा।

दमानिया ने जांच समिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब समिति के सदस्य पुणे के ही हैं, तो जांच निष्पक्ष कैसे होगी? उन्होंने अजित पवार से पालकमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग दोहराई। इसके साथ ही दमानिया ने यह भी कहा कि पार्थ पवार, शीतल तेजवानी या अमेडिया कंपनी अपने स्तर पर यह सौदा रद्द नहीं कर सकते। जिस व्यक्ति ने घोटाला किया है, उसे सौदा रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है।

दमानिया के अनुसार दस्तावेजों पर पार्थ पवार के हस्ताक्षर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी जमीन पर इस तरह कब्जा करने पर 7 से 14 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। दमानिया ने कहा कि सत्ता में रहते हुए अजित पवार जांच एजेंसियों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने मांग की कि अजित पवार को तुरंत उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।

उधर दमानिया के आरोपों पर राकांपा (अजित) प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने कहा कि जैसे ही अजित पवार या उनके परिवार का नाम आता है वैसे ही दमानिया विदेश से मुंबई आ जाती हैं। चव्हाण ने कहा कि दमानिया ने कोई नया आरोप नहीं लगाया है। इस मामले में सरकार ने जांच कमेटी गठित करने की घोषणा पहले ही की है। इसलिए दमानिया को जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।

Created On :   12 Nov 2025 9:05 PM IST

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