Mumbai News: ठाणे में रास्ते पर गड्ढों और अधूरे कंस्ट्रक्शन से 18 लोगों की गई जान मामले में सरकार-टीएमसी -एमएमआरडीए को नोटिस

ठाणे में रास्ते पर गड्ढों और अधूरे कंस्ट्रक्शन से 18 लोगों की गई जान मामले में सरकार-टीएमसी -एमएमआरडीए को नोटिस
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, टीएमसी और एमएमआरडीए को नोटिस भेजकर मांगा जवाब
  • केडीएमसी मैनहोल में गिरकर हुई 13 वर्षीय छात्र आयुष कदम की मौत के लिए उसके पिता को देगी 6 लाख मुआवजा
  • अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को ठाणे में रास्ते पर गड्ढों और अधूरे कंस्ट्रक्शन से 18 लोगों की गई जान के मामले में राज्य सरकार, ठाणे महानगर पालिका (टीएमसी) और मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) ने अदालत को बताया कि डोंबिवली के खुले मैनहोल में गिर कर हुए 13 वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में उसके पिता को 6 लाख रुपए मुआवजा देने का निश्चय किया है। अदालत ने केडीएमसी को दो सप्ताह में बच्चे के पिता को मुआवजा की रकम देने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश पाटील की पीठ के समक्ष वकील रुजू ठक्कर की दायर अवमानना याचिका सुनवाई हुई। टीएमसी के वकील ने पीठ को बताया कि टीएमसी की जांच समिति ने डोंबिवली (प.) के दावाचीपाड़ा में इस साल 28 सितंबर को मैनहोल में गिरकर 13 वर्षीय छात्र आयुष कदम की हुई मौत के मामले में उसके पिता एकनाथ कदम को 6 लाख रुपए मुआवजा देने का निश्चय किया है। इस पर पीठ ने टीएमसी को दो सप्ताह में मुआवजा की रकम पीड़ित परिवार को देने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने छात्र की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया।

इसी दौरान वकील रुजू ठक्कर ने पीठ के संज्ञान में ठाणे महानगर पालिका के अंतर्गत रास्ते के गड्ढों और अधूरे कंस्ट्रक्शन की वजह से 18 लोगों की जान जाने को भी लाया, जिसमें उन्होंने बताया कि इसके लेकर पिछले दिनों लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कासरवडवली पुलिस स्टेशन में शिकायत कर लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का अनुरोध किया था। पीठ ने इस विषय में टीएमसी के वकील से पूछा, तो उन्होंने कहा कि घोड़बंदर रोड पर गड्ढों के कारण ज्यादातर लोगों की जानें गई है। इस सास्ते की देखरेख लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और एमएमआरडीए की है।

इस पर पीठ ने कहा कि सड़क पर गड्‌डों की वजह से लोगों की जाने जा रही हैं। यदि रास्तों की मानसून के समय पहले रास्तों का मरम्मत हो जाता, तो लोगों की जाने नहीं जाती। पीठ ने राज्य सरकार, टीएमसी और एमएमआरडीए को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। 15 जनवरी 2026 को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।

Created On :   2 Dec 2025 9:46 PM IST

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