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Mumbai News: उद्धव गुट को बड़ा झटका - शिवसेना शिंदे का बीएमसी में होगा महिला राज, 62 पूर्व महिला नगरसेवकों के वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित

- महिला आरक्षण से भाजपा और उद्धव गुट को बड़ा झटका
- 62 पूर्व महिला नगरसेवकों के वार्ड हुए महिलाओं के लिए आरक्षित
- महिला नगरसेविका बनीं शिवसेना (शिंदे) की ताकत
Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के लिए घोषित हुई आरक्षण सूची शिवसेना (शिंदे) के लिए फायदेमंद साबित होती दिख रही है। वार्डों में महिला आरक्षण से जहां भाजपा और शिवसेना (उद्धव) को झटका लगा है, वहीं शिंदे गुट को इसका बड़ा राजनीतिक लाभ मिल सकता है। आंकड़ों के मुताबिक शिंदे गुट के पास फिलहाल 128 पूर्व नगरसेवक हैं, जिनमें 62 महिलाएं हैं। महिला आरक्षण की वजह से पार्टी के ज्यादातर महिला वार्ड सुरक्षित रहे हैं, जबकि भाजपा और उद्धव गुट के कई वरिष्ठ नगरसेवकों को अपने वार्ड गंवाने पड़े हैं। ऐसे में आगामी बीएमसी चुनाव में शिंदे गुट का महिला राज देखने को मिल सकता है।
महिला नगरसेविका बनीं शिवसेना (शिंदे) की ताकत
मुंबई के 227 वार्डों में से 114 वार्ड अब महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में भी शिवसेना (शिंदे) को लाभ मिला है। वार्ड क्रमांक 53 से रेखा रामवंशी और वार्ड नंबर 121 से चंद्रावती मोरे दोनों ही शिंदे गुट की पूर्व नगरसेविकाओं के पास हैं। वार्ड नंबर 146 और 147 भी अनुसूचित जाति महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं। ओबीसी महिलाओं के आरक्षण में भी शिवसेना (शिंदे) की पांच पूर्व नगरसेविकाएं शामिल हैं। रिद्धी खुरसंगे (वार्ड 11), गीता सिंघल (12), संध्या दोशी (18), सुवर्णा कारंजे (117) और अश्विनी हांडे (128) शिंदे गुट में ही हैं।
शिंदे गुट में महिलाओं का प्रभाव बढ़ा
पिछले तीन वर्षों में शिंदे गुट में हजारों महिला जनप्रतिनिधियों ने प्रवेश किया है। मुंबई की 62 महिला पूर्व नगरसेविकाएं मूल शिवसेना और दूसरे अन्य दल छोड़कर शिंदे के साथ आ चुकी हैं। इन महिला पूर्व नगरसेवकों में शिंदे के प्रति विश्वास बना है, और यही विश्वास अब बीएमसी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
उद्धव गुट और भाजपा को आरक्षण से नुकसान
आरक्षण की इस लॉटरी ने उद्धव गुट के कई मौजूदा नगरसेवकों के वार्ड बदल गए हैं। जबकि कई बड़े नेताओं के वार्ड भी बदल गए हैं, जो महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं। वहीं सामान्य वर्ग में महिलाओं के लिए आरक्षण के कारण उद्धव गुट के सात पूर्व नगरसेवकों के वार्ड भी प्रभावित हुए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महिला आरक्षण और लाड़ली बहन योजना की लोकप्रियता मिलकर शिवसेना (शिंदे) को बीएमसी में सत्ता की दहलीज तक पहुंचा सकती है।
Created On :   12 Nov 2025 9:31 PM IST












