छात्रावास में हत्या- दुष्कर्म मामला : मंत्रियों के आश्वासन के बाद उसके पूरा होने का इंतजार कर रहा पीड़ित परिवार

छात्रावास में हत्या- दुष्कर्म मामला : मंत्रियों के आश्वासन के बाद उसके पूरा होने का इंतजार कर रहा पीड़ित परिवार
  • निलंबित वार्डन के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग
  • छात्रावास में हत्या- दुष्कर्म मामला
  • मंत्रियों के आश्वासन के बाद उसके पूरा होने का इंतजार कर रहा पीड़ित परिवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र। दक्षिण मुंबई में स्थित सावित्री देवी फुले महिला छात्रावास में दुष्कर्म और हत्या के मामले के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद मंत्रियों ने कई आश्वासन दिए थे जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ। वादे पूरे होने के इंतजार में परिवार अब भी मुंबई में दर-दर भटक रहा है। 6 जून को हुई वारदात के चलते अपनी होनहार बेटी को खोने वाले लड़की के पिता अपनी पत्नी और बेटे को साथ लेकर मुंबई आए थे और अब भी यहीं हैं और इंतजार कर रहे हैं कि वादे पूरे हों तो वे वापस अपने अकोला स्थित अपने घर लौटें। लड़की के पिता ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने मुझसे मुलाकात के बाद 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद और बेटे को कांट्रैक्ट पर नौकरी का वादा किया था। पैसे तो मिल गए लेकिन बेटे की नौकरी से जुड़ा कागजात अब तक नहीं मिला। इसी उम्मीद में मुंबई में इंतजार कर रहा हूं कि यह आश्वासन पूरा हो तो मैं वापस अपने गांव लौटूं। इसके अलावा स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने भी परिवार से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दिलाने का वादा किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर पीड़ित परिवार की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपए देने का आग्रह किया था। इस पर भी अब तक अमल नहीं हुआ है। लड़की के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की कमी इन पैसों से पूरी नहीं हो सकती लेकिन पैसे और नौकरी मिल जाएगी तो जीने का सहारा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं मुंबई में आया तो रहने की जगह नहीं थी। पहले ही दिन कई जगह भटकना पड़ा। फिलहाल डीसीपी प्रवीण मुंढे ने रहने की व्यवस्था कर दी है। उनसे काफी मदद मिली है।

वार्डन के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर

मामले में सरकार ने छात्रावास की वार्डन को निलंबित कर दिया है लेकिन लड़की के पिता इससे संतुष्ट नहीं हैं उन्होंने कहा कि वार्डन की लापरवाही के चलते मेरी बेटी की जान गई इसलिए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।

बेटी से थी बड़ी उम्मीदें

लड़की के पिता ने कहा कि मेरी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। मेरी सारी उम्मीदें उसी से थी। एमएससीआईटी में उसे 90 फीसदी अंक मिले थे। दसवीं में भी 91 फीसदी अंक हासिल किए थे। उसने अपनी मेहनत के दम पर दाखिला हासिल किया था। मुझे उम्मीद थी कि वह ऊंचा मुकाम हासिल करेगी जो इस वारदात के बाद टूट गई। मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और मैं किराए के घर में रहता हूं। अब बेटी नहीं है तो उम्मीद भी खत्म है ऐसे में सरकार अपने आश्वासन पूरे कर दे तो कुछ राहत मिल जाएगी।

Created On :   24 Jun 2023 4:56 PM IST

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