आरटीआई: 56 प्रतिशत अधिसूचित वन क्षेत्र ही हो सके आरक्षित, ठाणे में केवल 3 हेक्टेयर क्षेत्र हुआ आरक्षित वन

56 प्रतिशत अधिसूचित वन क्षेत्र ही हो सके आरक्षित, ठाणे में केवल 3 हेक्टेयर क्षेत्र हुआ आरक्षित वन
  • ठाणे में 7,255 हेक्टेयर में केवल 3 हेक्टेयर क्षेत्र हुआ आरक्षित वन
  • 56 प्रतिशत अधिसूचित वन क्षेत्र ही हो सके आरक्षित
  • आरटीआई से मिली जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2019 के बाद से अधिसूचित वन क्षेत्र में से केवल 56 प्रतिशत को ही आरक्षित वन में परिवर्तित किया जा सका है। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत वन विभाग से यह जानकारी मिली है. 1 जनवरी 2019 से 24 जुलाई 2024 के बीच महाराष्ट्र के 11 सर्कल में सरकार ने लगभग 1,18,000 हेक्टेयर क्षेत्र को वन भूमि के रूप में अधिसूचित किया है। हालाँकि, इस अवधि में अधिसूचित क्षेत्रफल में से लगभग 67,000 हेक्टेयर यानी लगभग 56 प्रतिशत को आधिकारिक रूप से आरक्षित वन घोषित किया जा सका है।

बता दे कि किसी क्षेत्र को आरक्षित वन घोषित करने की प्रक्रिया 1927 के भारतीय वन अधिनियम द्वारा की जाती है। यह वन संसाधनों के संरक्षण और विनियमन के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है। यह प्रक्रिया धारा 4 के तहत एक अधिसूचना के साथ शुरू होती है, जो भूमि पर अधिकारों और दावों की जांच शुरू करती है। धारा 20 के तहत अंतिम घोषणा उस क्षेत्र को औपचारिक रूप से आरक्षित वन के रूप में स्थापित करती है। जिससे उसका संरक्षण किया जा सके।

आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे द्वारा हासिल जानकारी के अनुसार इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण गिरावट आई है। 2022 के बाद से केवल 8,396 हेक्टेयर क्षेत्र को आरक्षित वन घोषित किया गया है, जो 2019 में घोषित 28,222 हेक्टेयर की तुलना में काफी कम है। सामाजिक कार्यकर्ता घाडगे का कहना है कि यह गिरावट चिंता का विषय है। धुले सर्कल में 2020 के बाद से कोई नया वन क्षेत्र आरक्षित घोषित नहीं किया गया है, जबकि ठाणे सर्कल में इस अवधि के दौरान 7,255 हेक्टेयर अधिसूचित किए जाने के बावजूद केवल 3 हेक्टेयर क्षेत्र को आधिकारिक रूप से आरक्षित वन के रूप में मान्यता दी गई है। इस धीमी गति से रूपांतरण ने वन संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

'द यंग व्हिसलब्लोअर्स फाउंडेशन' के जीतेंद्र घाडगे के अनुसार, "हाल ही में जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव और बढ़ते प्रदूषण स्तरों को देखते हुए, विशेष रूप से सर्दियों के दौरान, सरकार के लिए अधिक वन क्षेत्रों को आरक्षित घोषित करना अत्यंत आवश्यक है। यह विशेष रूप से मुंबई और पुणे जैसे इलाकों में खास ध्यान देना चाहिए।

महाराष्ट्र में 20 प्रतिशत वन क्षेत्र

महाराष्ट्र 3,07,713 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक क्षेत्रफल के साथ तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में कुल वन क्षेत्र 61,952 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 50,865 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन, 6,433 वर्ग किलोमीटर संरक्षित वन और 4,654 वर्ग किलोमीटर अवर्गीकृत वन क्षेत्र शामिल हैं। महाराष्ट्र का कुल वन क्षेत्र 20.1 प्रतिशत है। जबकि मानक के अनुसार वन क्षेत्र कुल जमीन का 33 प्रतिशत होना चाहिए।

Created On :   19 Aug 2024 10:05 PM IST

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