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छुट्टी के दिन बैठी बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ - मजिस्ट्रेट के फैसले पर लगाई रोक आरोपी जुहैर मर्चेंट को मिली राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के मामले में तत्काल सुनवाई के लिए शनिवार को छुट्टी के दिन भी बैठी। खंडपीठ ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के उस आदेश पर 17 मई तक रोक लगा दी, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर 13 मई को दोपहर 12 बजे जब्ती की कार्रवाई की जानी थी। खंडपीठ के फैसले से कोरोना महामारी में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के कारोबार के ठप्प हो जाने से बैंक के कर्ज से परेशान जुहैर मर्चेंट को बड़ी राहत मिली है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई तय की गई है। न्यायमूर्ति अमित बोरकर और न्यायमूर्ति कमल खता की खंडपीठ के समक्ष शनिवार को अदिर इलेक्ट्रिक मोटर्स स्टेपिंग नामक मोटर पार्ट्स बनाने वाली यूनिट (छोटी कंपनी) की याचिका पर तत्काल सुनवाई हुई। जुहैर मर्चेंट के वकील मथेव जे.नेदुम्परा और वकील हेमाली मेरवा ने जुहैर मर्चेंट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बैंक की जब्ती से बचाने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई।
बांद्रा में रहने वाले जुहैर मर्चेंट ने 16 अगस्त 2017 को अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से 75 लाख 81 हजार रुपए का कर्ज लिया। वह हर महीने बैंक की किस्त 1 लाख 17 हजार 357 रुपए चुका रहे थे। वह बैंक के 25 लाख 81 हजार रुपए दे चुके थे।
इसी दौरान कोरोना महामारी आ गई और शहर में लॉकडाउन लग गया।
याचिकाकर्ता इस दौरान बैंक का कर्ज चुकाने में असमर्थ था। कोरोना महामारी के कारण याचिकाकर्ता का व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया। उन्हें बैंक से कोई राहत नहीं मिली, जबकि आरबीआई ने सभी बैंकों को कर्जदारों को राहत देने के लिए निर्देश दिया था। बैंक ने याचिकाकर्ता को कर्ज चुकाने के लिए नोटिस भेजा। बैंक ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिकाकर्ता से कर्ज की वसूली के लिए अर्जी की।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 22 मार्च 2023 को कोर्ट कमीशन नियुक्त किया और उसे बैंक में मोरगेज की हुई जुहैर मर्चेंट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को अपने अधिकार में लेने का आदेश दिया। एडवोकेट कमिश्नर नरेंद्र प्रसाद शुक्ला ने 27 मार्च को जुहैर मर्चेंट को नोटिस भेजा। नोटिस में 13 मई को दोपहर 12 बजे जुहैर के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को अपने अधिकार में लेने की बात कही गई थी।
Created On :   14 May 2023 4:46 PM IST