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पांचवीं और आठवीं में फेल होने वाले विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा अगली कक्षा में दाखिला
- पांचवीं और आठवीं में फेल होने वाले विद्यार्थियों को परेशानी
- उसी कक्षा में पढ़ाई और परीक्षा का मौका मिलता रहेगा
- नहीं मिलेगा अगली कक्षा में दाखिला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने आठवीं तक के विद्यार्थियों को फेल न करने की नीति खत्म कर दी है। अब पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षा पास किए बिना विद्यार्थी आगे की कक्षा में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। हालांकि विद्यार्थी जब तक प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता, उसे उसी कक्षा में पढ़ाई और परीक्षा का मौका दिया जाता रहेगा।
राज्य सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून में सुधार किया है, जिसके मुताबिक अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को फिर से तैयारी कराई जाएगी और दो महीने बाद दोबारा परीक्षा ली जाएगी। विद्यार्थी को परीक्षा में पास होने के बाद ही आगे की कक्षा में दाखिला दिया जाएगा।
हर वर्ष के अंत में पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा ली जाएगी। सुधार के मुताबिक दाखिला लेने आने वाले विद्यार्थी को उसकी आयु के मुताबिक पांचवीं तक की कक्षा में दाखिला दिया जाएगा और पांचवीं की परीक्षा पास होने के बाद ही छठीं कक्षा में दाखिला दिया जाएगा।
महाराष्ट्र राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद पांचवीं और आठवीं की वार्षिक परीक्षा, पुनर्परीक्षा और मूल्यांकन से जुड़े नियम बनाएगी। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत 6 साल से 14 साल की आयु के बच्चों को शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके तहत आठवीं तक के बच्चों को फेल न करने का भी नियम था, लेकिन इसका असर पढ़ाई और आगे के नतीजों पर पड़ रहा था, इसलिए इसमें बदलाव का फैसला लिया गया है।
रणजीत सिंह देओल, प्रमुख सचिव, स्कूली शिक्षा विभाग के मुताबिक केंद्र सरकार ने इससे जुड़ा बदलाव किया था, उसी के मुताबिक राज्य में भी इसे लागू किया जा रहा था। फिलहाल नौवीं कक्षा में पहुंचने तक बच्चों को पूरी तरह छूट दी जाती थी। फेल न करने के पीछे कोशिश यह थी कि बच्चे पर दबाव न हो। यह कोशिश आगे भी जारी रहेगी। अगर बच्चा असफल होता है, तो उसे दोबारा पढ़ाया जाएगा और आगे बढ़ने में पूरी मदद की जाएगी।
मधु वडके, मुख्याध्यापिका, गोपी बिड़ला मेमोरियल स्कूल के मुताबिक आठवीं कक्षा में विद्यार्थियों की परीक्षा और असफल होने पर अगली कक्षा में दाखिला न देने की बात ठीक है, लेकिन पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी छोटे होते हैं। उन्हें फिलहाल इसमें राहत दी जानी चाहिए। हालांकि यह सही है कि आठवीं तक फेल न करने की नीति के चलते कुछ बच्चे पढ़ाई में लापरवाही बरत रहे थे।
Created On :   24 Jun 2023 4:37 PM IST