राज्य के सभी स्वायत्त इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू हुई नई शिक्षा नीति

राज्य के सभी स्वायत्त इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू हुई नई शिक्षा नीति
इंजीनियरिंग डिप्लोमा के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के सभी 87 स्वायत्त (ऑटोनॉमस) इंजीनियरिंग कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में भी नई शिक्षा नीति के मुताबिक बदलाव कर इसी सत्र से लागू कर दिया गया है। हालांकि कई इंजीनियरिंग कॉलेज ऐसे भी हैं जो फिलहाल नई शिक्षा नीति के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे महाविद्यालयों को हिदायत दी गई है कि वे शैक्षणिक सत्र 2024-25 से पहले इससे जुड़ी तैयारी कर लें। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश को आर्थिक महाशक्ति बनाना है तो इंजीनियरिंग की शिक्षा का अहम योगदान होगा।

शैक्षणिक सत्र 2023-24 से इंजीयरिंग डिप्लोमा के प्रथम सत्र का पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। धीरे-धीरे दूसरे सत्र के भी पाठ्यक्रम बदले जाएंगे और दिसंबर, 2025 तक सभी छह सत्रों का पाठ्यक्रम बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग का नया पाठ्यक्रम क्रेडिट सिस्टम पर आधारित होगा। विद्यार्थियों को क्रेडिट बैंक बनाना होगा जिसमें उनके क्रेडिट जमा होंगे। हर सत्र के लिए 20 से 22 क्रेडिट तक हासिल किए जा सकेंगे। सभी छह सत्रों को मिलाकर 120 से 132 क्रेडिट होंगे। पहले औद्योगिक प्रशिक्षण 6 सप्ताह का होता था, जिसे बढ़ाकर अब 12 सप्ताह का कर दिया गया है।

विद्यार्थियों को बेहतर विकल्प : तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद मोहितकर ने बताया कि नई शिक्षा नीति की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम शुरू करने और छोड़ने के बेहतर विकल्प देता है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थी एक या दो साल में पढ़ाई छोड़ेंगे तब भी उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसकी मदद से वे बाद में दाखिला ले सकते हैं या उस सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे विद्यार्थियों के पास रोजगार के बेहतर मौके होंगे।

Created On :   25 Aug 2023 6:07 PM IST

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