- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- विदेशी शिक्षा संस्थानों के साथ...
मुंबई: विदेशी शिक्षा संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय के समझौतों से खुल रहे दोहरी डिग्री के रास्ते
- विद्यार्थियों को चुकानी पड़ सकती है ज्यादा फीस
- एम टेक इन नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी की दोहरी डिग्री
- अमेरिका स्थित इंडियाना विश्वविद्यालय के साथ समझौता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई विश्वविद्यालय लगातार विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ समझौते कर रहा है जिससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को विदेशी विश्वविद्यालयों में भी होने वाली पढ़ाई का अनुभव हो सके। इस कड़ी में मुंबई विश्वविद्यालय ने एम टेक इन नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी की दोहरी डिग्री के लिए अमेरिका स्थित इंडियाना विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया है। इसके तहत विद्यार्थी पहले दो सत्र की पढ़ाई मुंबई विश्वविद्यालय में जबकि अगले दो सत्र की पढ़ाई इंडियाना विश्वविद्यालय में कर सकेंगे।
इस तरह के समझौते कई अमेरिकी, ब्रिटिश और यूरोपीय विश्वविद्यालयों के साथ या तो हो चुके हैं या करने की तैयारी है लेकिन विद्यार्थियों को विदेशी डिग्री के लिए ऊंची फीस भी चुकानी होगी। मुंबई विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोहरी डिग्री के लिए दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को कितनी फीस देनी होगी इसका फैसला अगले एक महीने में हो जाएगा। इसके बाद नए सत्र में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध हो जाएगा। जिन विश्वविद्यालयों के साथ समझौते हो चुके हैं उनके साथ मिलकर पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों को किस तरह शिक्षा दी जाएगी इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर विद्यार्थी मास्टर्स डिग्री या पीएचडी के लिए विदेश जाते हैं। ऐसे में अगर पहले से उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का अनुभव हो जाए तो यह उनके लिए फायदेमंद होगा। इंडियाना विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर के बाद आगे पीएचडी या पोस्ट डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी देगा। मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवींद्र कुलकर्णी ने कहा कि इस तरह के समझौतों के बाद विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों की प्रयोगशालाओं में उपलब्ध आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल और विदेशी विद्यार्थियों के साथ शोध की सुविधा मिलेगी। प्रोफेसर कुलकर्णी ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में शोध बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
Created On :   3 May 2024 10:31 PM IST