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फिर फूटा वारेगांव ऐश बैंड, फसलें चौपट, जमीन भी हुई बर्बाद
- घंटों बाद भी कोई प्रबंध नहीं किए
- किसान फिर संकट में
डिजिटल डेस्क, खापरखेड़ा (नागपुर) । खापरखेड़ा स्थित महाजेनको का ऐश बैंड (राख बांध) फूट गया। ऐश बैंड से बीती रात से राख मिश्रित पानी के रिसाव से किसानों की लगभग 15 से 20 एकड़ में बोई गई खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। तकरीबन 12 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद महाजेनको द्वारा रिसाव तथा फूटे ऐश बैंड को सुधारने की दिशा में कोई प्रबंध नहीं किया गया। पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण दोबारा बोआई के संकट से जूझ रहे किसानों को महाजेनको की इस लापरवाही से और बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। उसकी फसल सहित जमीन भी बर्बाद हो गई। फिलहाल जेसीबी तथा पोकलेन मशीन से दरार पाटने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। हालांकि शाम को कामठी के तहसीलदार अक्षय पोयाम, बीडीओ अंशुजा गराडे, खापरखेड़ा बिजलीघर के मुख्य अभियंता विलास मोटघरे, विस्तार अधिकारी डाखोले, पटवारी फुलझेले, सरपंच कमलाकर बांगरे, पूर्व सरपंच देवराव पांडे आदि ने मौके पर पहंुच कर स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित किसानों में जिग्नेश्वर दिघे, नारायण दिघे, गोविंद भाकरे, अरुण भाकरे, लड्डू सीरिया आदि किसानों का समावेश हैं।
फिर फूटा वारेगांव ऐश बैंड : रख-रखाव में लाखों खर्च, फिर भी नहीं बदले हालात : उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी ऐश बैंड फूटने से काफी किसानों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा था। आसपास के इलाकों में राख मिश्रित पानी जमा रहा था। बताया जा रहा प्रतिवर्ष महाजेनको ऐश बैंड के रख-रखाव को लेकर लाखों रुपए खर्च करती है। बावजूद ऐश बैंड का फूटना आम बात हो गई है। पिछले साल कई बार ऐश बैंड ओवरफ्लो होने से किसानों को नुकसान पहुंचा था। इस बार बांध ही फूट गया। पीड़ित किसानों ने खड़ी फसलों के बर्बादी को लेकर महाजेनको से उचित मुआवजे की मांग की है। कोराडी, खापरखेड़ा बिजलीघर की राख पाइप के माध्यम से ऐश बैंड में डम्प की जाती है। पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के चलते बैंड में दरारें आने से वाकया होने की बात कही जा रही है। वहीं जिलाधिकारी डा. विपिन इटनकर ने भी मौके का दौरा कर निरीक्षण करते हुए उचित उपाय योजना के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
यह भी मुख्य वजह : खापरखेड़ा बिजलीघर 1,2 यूनिट के सॉयपन सिस्टम का प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होने से ऐश बैंड के पानी की निकासी की समस्या ही बन रहती थी, जो ऐश बैंड के फूटने की मुख्य वजह बताई जा रही है, जबकि कोराडी के यूनिट 8, 9 व 10 में सॉयपन सिस्टम का प्रॉपर मेंटेनेंस हो रहा है।
बरती जा रही सावधानी : यह बांध 258 एकड़ में है। 2.4 करोड़ टन इसकी राख भंडारण की क्षमता है। सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की संचालक (सीएफएसडी) लीना बुद्धे ने आरोप लगाया कि बांध फूट के बावजूद अब तक राख को अन्यत्र ले जाकर बांध को खाली नहीं किया गया है। पिछले 24 घंटे में नागपुर जिले में अतिवृष्टि होने से वारेगांव राख बांध में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया और खापरखेड़ा कामठी महामार्ग की दिशा में दो खेत में राख मिश्रित पानी चला गया। खापरखेड़ा िवद्युत केंद्र के मुख्य अभियंता विलास मोटघरे के नेतृत्व में युद्धस्तर पर प्रयास कर पानी का प्रवाह रोकने के लिए उपाय योजना किए जा रहे हैं। कन्हान नदी प्रदूषित न हो, इसके लिए हाइवे ब्रिज के पहले व बाद में तीन से चार स्थानों पर फिल्टर्स लगाकर प्रयास करने की जानकारी महाजेनको ने दी। इसके पहले जुलाई 2022 में कोराड़ी औष्णिक विद्युत केंद्र की राख भंडारण के लिए बनाया गया खसाला बांध फुटने से राख खेत व गांव में गई थी।
Created On :   20 July 2023 10:32 AM IST