‘नायलॉन मांजा’ का इस्तेमाल रोकने में विद्यार्थी करेंगे मदद

‘नायलॉन मांजा’ का इस्तेमाल रोकने में विद्यार्थी करेंगे मदद
स्कूल-कॉलेजों में जनजागृति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूल-कॉलेजों में जनजागृति के जरिए भी नायलॉन मांजा के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे ही नागरिकों की शिकायतें दर्ज करने के लिए स्थनीय प्राधिकरण को अधिकार दिए जाएंगे। नागरिकों को टोल-फ्री क्रमांक भी दिए जाएंगे। नायलॉन मांजा को लेकर हर माह संबंधित अधिकारियों की एक बैठक लेकर स्थिति का जायजा लिया जाएगा। हर जिले में एक टास्क फोर्स होगी, जिसकी कार्रवाई की रिपोर्ट जिलाधिकारी हर सप्ताह लेंगे। वहीं सीमा भाग में चेक पोस्ट पर भी नायलॉन मांजा की जांच की जाएगी।

राज्य पर्यावरण विभाग ने पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले नायलॉन मांजे के साथ ही कृत्रिम या बारीक कांच के चूरे से तैयार मांजा के उत्पादन, बिक्री, इसे रखने और इस्तेमाल करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। 1 मार्च 2023 को इसकी अधिसूचना जारी करके इस प्रतिबंधित मांजा उत्पादकों पर कार्रवाई के आदेश भी स्थानीय प्रशासन को दिए गए है।

सू-मोटो जनहित याचिका : बीती 19 अप्रैल को हुई सुनवाई में पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग ने नायलॉन मांजा पर प्रतिबंध के लिए नीति तैयार होने की जानकारी हाई कोर्ट को दी थी। लेकिन इस नीति को लागू कैसे किया जाएगा, कौन से अधिकारी इसमें शामिल होंगे, इस पर हाई कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद सरकार ने बुधवार को यह जानकारी प्रस्तुत की है। मामले में मनपा की ओर से एड.जैमिनी कासट ने पक्ष रखा। बता दें कि मकर संक्रांति पर नागपुर में जमकर पतंगबाजी होती है, लेकिन इस दौरान पतंग उड़ाने में नायलॉन मांजा के इस्तेमाल से अनेक दुर्घटनाएं होती हैं। सिर्फ पक्षियों के लिए ही नहीं, मनुष्यों के लिए भी इस मांजे का प्रभाव घातक है। ऐसे ही कुछ घटनाओं में नायलॉन मांजे से गर्दन कटने या फिर वाहन चालकों के साथ दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आने पर हाईकोर्ट ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर की है।

Created On :   10 Aug 2023 3:56 PM IST

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