मस्जिद लाउडस्पीकर मामला - डीसीपी और मस्जिद ने बांबे हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा किया दाखिल

मस्जिद लाउडस्पीकर मामला - डीसीपी और मस्जिद ने बांबे हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा किया दाखिल
  • याचिकाकर्ता का 12 जून को दाखिल अपने हलफनामे में दावा मामले में हो सकती है सुनवाई
  • मस्जिद के लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण का मामला
  • डीसीपी और मस्जिद ने बांबे हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा किया दाखिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मस्जिद के लाउडस्पीकर से हो रहे ध्वनि प्रदूषण के मामले में मुंबई पुलिस और गौसिया मस्जिद ने बॉम्बे हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा दायर किया है। याचिकाकर्ता रीना रिचर्ड ने 12 जून को अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में यह दावा किया है। आज इस मामले पर सुनवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि परिमंडल-12 के पुलिस उपायुक्त(डीसीपी) की ओर से दाखिल हलफनामे में न तो उनके सवालों का जवाब दिया गया है और न ही शांतता क्षेत्र का जिक्र है।

29 मई को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रमेश धानुका और न्यायमूर्ति जी.एस कुलकर्णी की अवकाशकालीन खंडपीठ ने याचिकाकर्ता और वकील रीना रिचर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए मस्जिद और मुंबई पुलिस को 9 जून से पहले हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। उस दौरान याचिकाकर्ता रीना रिचर्ड ने अदालत में दलील दी थी कि कांदिवली (पूर्व) के लक्ष्मी नगर स्थित गौसिया मस्जिद को किस आधार पर लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी, जबकि मस्जिद प्राइवेट प्रॉपर्टी है। उसके बाहर लाउडस्पीकर की आवाज आनी नहीं चाहिए। हाईकोर्ट के आदेश के पुलिस और मस्जिद पालन नहीं कर रही हैं।

अदालत ने 9 मई से पहले पुलिस और मस्जिद को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। जबकि अदालत ने याचिकाकर्ता को भी हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा था। याचिकाकर्ता के 12 जून को अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा है कि समता नगर पुलिस ने मई 2022 से 24 मई 2023 के बीच ध्वनि प्रदूषण के 61 बार डेसिबल की मांप की थी, जिसमें केवल इस साल 12 मई को 80 डेसिबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण हुआ था। पुलिस ने इसकी शिकायत 26 मई को महाराष्ट्र पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड (एमपीसीबी) से किया है।

पुलिस ने कांदिवली (पूर्व) के ठाकुर विलेज को औद्योगिक क्षेत्र में आने का अपने हलफनामे में हवाला दिया है। जबकि ठाकुर विलेज का क्षेत्र रेसिडेंसियल है। इस इलाके में 50 डेसिबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण नहीं होनी चाहिए। मस्जिद ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि मस्जिद का का इलाका बीएमसी के निश्चित शांतता क्षेत्र में नहीं आता है। उसके आस-पास 100 मीटर के अंदर अस्पताल एवं स्कूल नहीं है। जबकि मस्जिद से 90 मीटर के अंदर अस्पताल आता है, तो यह कैसे कह सकते हैं कि मस्जिद साइलेंट जोन के अंतर्गत नहीं आती है।

Created On :   18 Jun 2023 8:02 PM IST

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