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आदेश: शिक्षण आयुक्त के पत्र पर निर्णय लें : हाई कोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। खनिज कल्याण क्षेत्र की निधि कौन सी श्रेणी (हेड) में परिवर्तित करना है इस संबंध में जानकारी मिलने हेतु पुणे शिक्षण आयुक्त ने भेजे पत्र पर दो सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने खेल एवं शिक्षण विभाग के प्रधान सचिव को दिये। राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रपाल चौकसे ने इस संबंध में याचिका दायर की है। नागपुर जिला परिषद के सैकड़ों रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की बजाय ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में नियुक्ति की जाए और इनके मानधन के लिए प्रधानमंत्री खनिज कल्याण क्षेत्र की निधि आवंटित करने के जिलाधिकारी को आदेश देने की मांग याचिका में की है।
प्रधान सचिव को पत्र भेजा : जिलाधिकारी ने निधि खर्च करने हेतु तकनीकि मान्यता के लिए पुणे शिक्षण आयुक्त को प्रस्ताव भेजा था। पिछली सुनवाई में प्रस्ताव पर क्या निर्णय लिया गया, इस बारे में कोर्ट ने शिक्षण आयुक्त को जवाब दाखिल करने के आदेश दिये थे। मंगलवार को न्या. अतूल चांदूरकर व न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। शिक्षण आयुक्त ने खनिज कल्याण क्षेत्र का निधी कौन सी श्रेणी में परिवर्तित करना है इस बारे में जानकारी हेतु खेल एवं शिक्षण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा है, यह कोर्ट में बताया। इसलिए कोर्ट खेल एवं शिक्षण विभाग के प्रधान सचिव को प्रतिवादी बनाने के आदेश दिये। साथ ही कोर्ट ने शिक्षण आयुक्त के पत्र पर दो सप्ताह में निर्णय लेने को कहा। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर और एड. मनीष शुक्ला ने पैरवी की।
Created On :   27 Sept 2023 1:13 PM IST