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5 से 10 मिनट में ओरल व स्तन कैंसर का पता
- 90 फीसदी परिणाम सटीक
- 300 से अधिक संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग
- प्राथमिक जांच हुई आसान
डिजिटल डेस्क, नागपुर. देश में स्तन कैंसर व ओरल कैंसर का प्रमाण तेजी से बढ़ रहा है। समय पर पता चल जाए तो, इनका निदान संभव है। नागपुर के एक धर्मदाय अस्पताल में दोनों तरह कैंसर की संदिग्धता का पता केवल 5 से 10 मिनट में लगाया जाता है। इसके लिए खास मशीनें उपलब्ध हैं। साल भर में इन मशीनों से 650 से अधिक संदिग्धों की जांच की गई है।
प्राथमिक जांच हुई आसान : उपराजधानी में बरसों से राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर हॉस्पिटल द्वारा कैंसर मरीजों को नया जीवन देने के लिए कार्य किया जा रहा है। यहां सालाना 5500 कैंसर संदिग्धों की जांच व 4000 मरीजों का हर साल उपचार किया जाता है। कैंसर के विविध प्रकारों में महिलाओं का स्तन कैंसर दूसरे क्रमांक पर है। इसके अलावा ओरल कैंसर का प्रमाण भी बढ़ रहा है। इसकी जांच प्रक्रिया पेचिदा होती है। जांच के बाद रिपोर्ट आने में ही 15 दिन तक का समय लगता है। कई बार अलग-अलग कारणों से और ज्यादा समय लगता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स का उत्तम उदाहरण : यह मशीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स का उत्तम उदाहरण है। थर्मल इमेजिंग व एआई तकनीक की सहायता से प्राथमिक स्तर पर ही स्तन कैंसर का पता चल जाता है। जांच के दौरान मरीजों को कोई कष्ट नहीं होता।
22 मरीजों को ओरल कैंसर : रातुम कैंसर हॉस्पिटल में दूसरी महत्वपूर्ण मशीन ओरल स्कैन है। यह मशीन भी पिछल साल जून महीने से सेवा में ली गई है। इस मशीन से केवल 5 मिनट में ओरल कैंसर का पता चलता है। साल भर में इस मशीन से 350 से अधिक संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 22 मरीजों को ओरल कैंसर होने का पता चला है। इन मरीजों का उपचार चल रहा है। ओरल स्कैन मशीन से 90 फीसदी सटीक परिणाम मिलते हैं। राज्य में दोनों मशीनें लगाने वाला पहला रातुम कैंसर हॉस्पिटल है।
90 फीसदी परिणाम सटीक
डॉ. करतार सिंह, संचालक, रातुम कैंसर हॉस्पिटल के मुतााबिक अस्पताल में दानदाताओं के सह्योग से साल भर पहले थर्मलाइटिक्स व ओरल स्कैन मशीनें आई हैं। स्तन व मुख कैंसर के संदिग्धों की मशीन द्वारा जांच करने पर 5 व 10 मिनट में 90 फीसदी सटीक परिणाम मिलते हैं। उस आधार पर उपचार किया जाता है। भविष्य में आवश्यकतानुसार अत्याधुनिक सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
300 से अधिक संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग : स्तन कैंसर की जांच करने के लिए थर्मलाइटिक्स नामक मशीन का उपयोग किया जाता है। रातुम कैंसर हॉस्पिटल धर्मदाय होने से यह मशीन दानदाता से प्राप्त हुई है। बीते साल जून महीने से यह मशीन सेवा में लगाई गई है। इस मशीन से अब तक 300 से अधिक संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 12 मरीजों को स्तन कैंसर होने का पता चला है। उनका उपचार चल रहा है। थर्मलाइटिक्स मशीन से कैंसर की स्क्रीनिंग 10 मिनट में होती है। मशीन से जांच के बाद कैंसर होने की रिपोर्ट 90 फीसदी बराबर मिलती है। मरीज के गांठ के छायाचित्र से कैंसर की पुष्टि होती है। जैसे ही छायाचित्र लिया जाता है, मशीन द्वारा उसकी पूरी जानकारी दी जाती है। रिपोर्ट के बाद संबंधित मरीज के उपचार की दिशा में अगली प्रक्रिया बायोप्सी, सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन आदि दी जाती है।
Created On :   23 July 2023 4:29 PM IST