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बैंक के खिलाफ झूठी शिकायत करने पर 10 हजार रु.की कॉस्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग का गठन उपभोक्तओं के हितों के संरक्षण के लिए किया गया है, लेकिन आयोग के समक्ष कई बार कुछ झूठी शिकायतें भी आती हैं, जो आयोग का वक्त और ऊर्जा दोनों बर्बाद करती हैं। ऐसे ही एक शिकायत पर संज्ञान लेकर आयोग ने न सिर्फ उसे झूठा और बेफिजूल करार दिया, बल्कि शिकायतकर्ता पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई।
यह था मामला : नागपुर निवासी अमोल घोटेकर ने रवि नगर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने 15 अक्टूबर 2003 को उक्त शाखा में सेविंग बैंक अकाउंट शुरू किया था। जनवरी 2015 में उन्हें पता चला कि बैंक ने सेविंग प्लस नामक एक नई श्रेणी शुरू की है। इस श्रेणी में खाते में न्यूनतम 25 हजार बैलेंस होने पर 18 प्रतिशत ब्याज मिलता है। ऐसे में उन्होंने 4 फरवरी 2015 को बैंक में अपने बचत खाते को सेविंग प्लस में परिवर्तित करने का आवेदन दिया। बैंक अधिकारियों ने उन्हें खाता परिवर्तन हो जाने का आश्वासन दिया, लेकिन अगले 4 वर्ष तक यह परिवर्तन नहीं किया।
कॉस्ट लगाई गई : इस मामले में आयोग ने यह भी पाया कि बैंक आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत कार्यरत है और इस प्रकरण में सेवा में त्रुटि का दोषी नहीं है। उलट शिकायतकर्ता ने कई बार बैंक में आरटीआई लगाई और उसे जवाब भी दिया गया, लेकिन इस सबके बावजूद उसने आयोग के समक्ष यह शिकायत की, जिसके आरोप वह साबित नहीं करा पाया। इसलिए आयोग ने कॉस्ट लगा कर इस शिकायत को खारिज कर दिया।
Created On :   17 Aug 2023 10:51 AM IST