करोड़ों खर्च के बाद 75 साइकिल ट्रैक समेत अन्य महत्वपूर्ण योजना सुस्त

करोड़ों खर्च के बाद 75 साइकिल ट्रैक समेत अन्य महत्वपूर्ण योजना सुस्त
बनाने थे 75 साइकिल ट्रैक, 21 ही पूरा कर पाए, उसमें से भी 25 लाख का 4.50 किमी ट्रैक गायब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर प्रदूषण मुक्त शहर की संकल्पना को स्मार्ट सिटी ने साकार करने का दावा किया था। इसी क्रम में शहर भर में 1.75 करोड़ की लागत से साइकिल स्टैंड बनाने का फैसला किया गया। मनपा मुख्यालय, जोन कार्यालयों, जिलाधिकारी कार्यालय समेत प्रमुख सरकारी कार्यालयों में साइकिल स्टैंड बनाया जाना था, ताकि अधिकारी और कर्मचारी वाहनों की बजाय साइकिल का इस्तेमाल कर सकें। अधिकारियों के साइकिल चलाने से शहर के नागरिकों को प्रेरणा मिलने का दावा भी किया गया, लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी 75 में से महज 21 साइकिल स्टैंड बनाने की जानकारी प्रोजेक्ट की प्रमुख अधिकारी प्रणिता उमरेडकर दे रही हैं। पिछले पांच सालों से शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं हो रही हैं। साइकिल संचालन को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रैक और स्टैंड को बनाने का फैसला हुआ है। मनपा मुख्यालय, जोन कार्यालयों, मनपा स्कूलों और लाइब्रेरी परिसर में 21 साइकिल स्टैंड बनकर पूरा होने की जानकारी दी जा रही है, लेकिन साइकिल स्टैंड के ढांचे के बीच वाहनों की पार्किंग के नजारे दिख रहे हैं।

केवल 4 अधिकारी साइकिल संचालन कर रहे : स्मार्ट सिटी और मनपा मुख्यालय की नई इमारत में करीब 200 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद हैं। स्मार्ट सिटी ने 4 साल पहले ठेका एजेंसी से सीएसआर फंड में 10 साइकिल भी ली थी, ताकि अधिकारियों को मुहैया कराया जा सके। अब इन साइकिल को लेकर अधिकारियों को कोई भी जानकारी नहीं है। वहीं, दूसरी ओर स्मार्ट सिटी की कंपनी सेक्रेटरी भानुप्रिया ठाकुर, मनपा के ट्रैफिक विभाग के कनिष्ठ अभियंता राहुल देशमुख, हॉटमिक्स विभाग के उप अभियंता अभिजीत नेताम ही रोजाना साइकल का संचालन कर रहे हैं। साइकिल संचालन का प्रोजेक्ट संभालने वाली अधिकारी प्रणिता उमरेडकर भी बीमारी का तर्क देकर साइकल संचालन से परहेज कर रही हैं। ऐसे में सवाल यह है कि खुद के प्रोजेक्ट को अपनाने से परहेज करने वाले अधिकारी आम जनता को प्रोत्साहन कैसे दे पाएंगे।

25 लाख के 4.50 किमी लंबे ट्रैक भी नदारद : दो साल पहले स्मार्ट सिटी के मोबिलिटी विभाग ने साइकिल चलाने को बढ़ावा देने की घोषणा की थी। इसके तहत 25 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री आवास और वीआईपी रोड पर साइकिल ट्रैक बनाया गया था। पर्याप्त रख-रखाव और दुरूस्ती के नहीं होने से ट्रैक पूरी तरह से खराब हो गए हैं। इतना ही नहीं, कई जगह से उखड़ भी गए हैं। ट्रैक पर अक्सर आवारा मवेशी आकर गंदगी फैला देते हैं। ट्रैक को सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होने से तेज गति वाहन भी दौड़ रहे हैं। ऐसे में साइकिल चालक और वॉक करने वालों नागरिकों की परेशानी बढ़ रही है। साइकिल ट्रैक के उद्घाटन के दौरान स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे किए थे। ट्रैक के इस्तेमाल से साइकिल चलाने वालों को सुविधा के साथ ही दुर्घटना से निजात दिलाने का भी दावा हुआ था, हालांकि साइकिल ट्रैक के नाम पर वीआईपी रोड और भीड़ वाले रास्तों पर लाल निशान लगाकर छोड़ दिया गया। ऐसे में अब साइकिल ट्रैक को लेकर कोई भी व्यवस्था अथवा निगरानी नहीं होने से बदरंग हो गया है।

स्टैंड पर साइकिल की बजाय वाहन खड़े करना हमारी जिम्मेदारी नहीं : साइकिल स्टैंड बनाने का काम अब भी चल रहा है। मनपा मुख्यालय में वाहनों के स्थान पर साइकिल स्टैंड बनाने की अनुमति लाना किसी के बस की बात नहीं है। ऐसे में अब साइकिल स्टैंड बनाने पर वाहन खड़े होने को लेकर हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती है। स्मार्ट सिटी का काम हर आदमी को प्रोजेक्ट समझाना नहीं है। शहर में 75 में से मनपा मुख्यालय और जोन कार्यालयों में करीब 21 साइकिल स्टैंड बन चुके हैं, जल्द ही अन्य 15 स्टैंड को बनाने का भी काम पूरा किया जाएगा। -प्रणिता उमरेडकर, उपमहाप्रबंधक, मोबिलिटी विभाग, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

जमीनी हकीकत... बनाने थे 75 साइकिल ट्रैक, 21 ही पूरा कर पाए, उसमें से भी 25 लाख का 4.50 किमी ट्रैक गायबपिछले साल भर से शहर में स्थायी सीईओ तक स्मार्ट सिटी को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अन्य अधिकारी केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। शहर में प्राइड होटल से एलआईसी चौक और प्रजापति मेट्रो स्टेशन तक 33 चौराहों के लिए 5.36 करोड़ रुपए से इलेक्ट्रिक कैन्टी लीवर बिजली के खंबों को प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा नरसाला में 48 करोड़ की लागत से पोहरा नदी पर 20 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। शहर में सीवेज पाइपलाइन की जीआईएस आधारित मैपिंग के लिए 3.9 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी बनाया गया है। इसके अलावा 7.88 करोड़ रुपए से ट्रैफिक पुलिस के लिए 100 स्मार्ट पुलिस बूथ, 1.9 करोड़ रुपए से स्मार्ट डस्टबिन को भी लगाया जा रहा है, लेकिन इन सभी कामों को लेकर गति बेहद सुस्त कर दी गई है। मनपा के अधिकारियों ने भी प्रोजेक्ट की गति को लेकर खोज-खबर लेने की कोशिश तक नहीं की है।

Created On :   26 July 2023 1:32 PM IST

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