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मुख्य अभियंता की फटकार के बाद भी उपराजधानी में नदी और नालों की सफाई सुस्त
- 31 जनवरी से 227 नालों की सफाई आरंभ की गई है
- कैमरों से जलजमाव वाले इलाकों की हो रही निगरानी
- ट्रांसफर के जुगाड़ में व्यस्त अधिकारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर में तीनों नदियों की सफाई 21 अप्रैल से शुरू की गई है, लेकिन अब तक 44 किमी में से केवल 17.8 किमी की ही सफाई हो पाई है। इतना ही नहीं गांधीबाग, सतरंजीपुरा और लकड़गंज क्षेत्र में सफाई अभियान आरंभ तक नहीं हुआ है। ऐसे में 14 जून को मनपा के मुख्य अभियंता राजीव गायकवाड़ ने तत्काल बैठक बुलाकर सभी अभियंताओं को 30 जून तक कामों को पूरा करने का अल्टिमेटम दिया है। बावजदू इसके नदी सफाई अभियान में कोई भी पहल होती नजर नहीं आ रही है।
ट्रांसफर के जुगाड़ में व्यस्त अधिकारी
शहर में 14 पोकलैन और करीब 200 मजदूरों की सहायता से 31 जनवरी से 227 नालों की सफाई आरंभ की गई है। सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के माध्यम से तीन नदियों की सफाई भी 21 अप्रैल से आरंभ की गई। निर्धारित योजना में 15 जून तक सफाई अभियान को पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक तीनों नदियों के 44 किमी क्षेत्र में से 17 किमी को ही साफ किया गया है। इसके साथ ही तीन जोन गांधीबाग, सतरंजीपुरा और लकड़गंज क्षेत्र में अब तक काम को आरंभ ही नहीं किया गया। मनपा के मुख्य अभियंता राजीव गायकवाड़ ने 12 जून को तत्काल बैठक लेकर कामों को पूरा करने का निर्देश दिया है, लेकिन अब भी काम में सुस्ती हो रही है। ऐसे में बरसात के दिनों में नागरिकों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक पिछले 1 माह से आला अधिकारियों की ओर से अपने ट्रांसफर को लेकर जुगत लगाई जा रही है। ऐसे में शहर में बरसात पूर्व सफाई अभियान को पूरी तरह से अनदेखी किया जा रहा है।
50%नालों की सफाई अब भी असंभव : शहर में 227 नालों की सफाई का दावा घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष से हो रहा है। मशीनों और नाला सफाई गैंग मजदूरों की सहायता से 31 जनवरी से 15 जून तक नाले की सफाई पूरी की गई है। शहर के 50% से अधिक नालों की सफाई नहीं हो पाई है। इसकी वजह यह है कि इन नालों के मुहाने समेत अधिकांश स्थान को सीमेंट रोड, अतिक्रमण ने पूरी तरह से घेर रखा है। नालों के भीतर के मलबे को निकालने के लिए मजदूरों और मशीनों को भीतर पहुंचने की कोई भी जगह नहीं है।
58 जलजमाव के संभावित स्थान : शहर में प्रमुख रूप से हत्तीनाला गड्डीगोदाम, बालाभाऊपेठ, बोरियापुरा, डोबी नगर, लकड़ीपुल, तकिया, नरेंद्र नगर, बुरड नाला का समावेश है। आसीनगर, सतरंजीपुरा, गांधीबाग, महल, सदर, लक्ष्मी नगर समेत कई इलाकों में नालों के अंडरग्राउंड होने से सफाई संभव नहीं हो पा रही है। इन नालों के भीतर प्लास्टिक समेत अन्य सामग्री के जमा होने से बहाव पूरी तरह से थम जाता है। भारी बरसात में बहाव के थम जाने से परिसर के घरों में पानी घुस जाता है। 153 नालों को मजदूरों की सहायता से मलबा सफाई का दावा हो रहा है, जबकि 74 नालों को मशीनों से सफाई होती है। बावजूद इसके करीब 58 स्थानों को संभावित जलजमाव वाले इलाके के रूप में चिह्नित किया गया है।
नालों की सफाई पूरी
डॉ. गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा के मुताबिक 31 जनवरी से शहरभर के 227 नालों की सफाई आरंभ की गई थी। अभियान में 153 नालों को मजदूरों की सहायता और 74 नालों को मशीनों से सफाई की गई है। इन नालों को बरसात पूर्व और पश्चात भी निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही संभावित जलजमाव वाले इलाकों की सूची भी बनाई गई है, ताकि भारी बरसात में प्रभावी उपाय योजना को आरंभ किया जा सके। 10 जोन के जेट पंप को अलर्ट रखा है, जबकि सीसीटीवी कैमरों से जलजमाव वाले इलाकों की निगरानी हो रही है।
30 जून तक सफाई पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित
मनोज तालेवार, अधीक्षक अभियंता, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, मनपा के मुताबिक शहर में नदी सफाई अभियान को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास हो रहा है। सभी जोन के अभियंताओं की ओर से पूरा सहयोग किया जा रहा है। 30 जून तक अभियान को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
Created On :   24 Jun 2023 7:00 PM IST