बाढ़ का कहर: तबाही का पंचनामा, प्रशाासन को छूटा पसीना

तबाही का पंचनामा, प्रशाासन को छूटा पसीना
अभी भी हजारों पीड़ित लोग पंचनामें से वंचित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाढ़ पीड़ितों का आंकलन करने में शासन-प्रशासन गच्चा खा गया है। बाढ़ से हुई तबाही के बाद सरकार ने माना था कि अधिकतम 17 हजार तक पंचनामे हो सकते हैं और यह काम पूरा हो जाएगा। प्रशासन 22 हजार पंचनामेे बना चुका है आैर अभी भी हजारों पीड़ित लोग पंचनामें से वंचित हैं। प्रशासन भले ही नए से आ रहे आवेदनों पर विचार करने का भरोसा दे रहा हो, लेकिन जानकारों का कहना है कि अब पंचनामे का काम रोक दिया गया है।

मदद में फूटी कौड़ी नहीं मिली : राहत व पुनर्वास मंत्री अनिल पाटील ने बाढ़ पीड़ितों के खाते में 3 अक्टूबर से 10-10 हजार सानुग्रह राशि डालने का दावा किया था, लेकिन सरकार का यह दावा गलत साबित हुआ। आपदा के 10 दिन बाद भी फूटी कौड़ी की मदद नहीं मिल सकी है। इस बीच प्रशासन ने 22 हजार पंचनामें बनाने की जानकारी देते हुए 4 अक्टूबर से पीड़ितों को 10-10 हजार की मदद देने का दावा किया है। पंचनामें नहीं होने व मदद नहीं मिलने से नाराज लोगों का मोर्चा मंगलवार को राकांपा के शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे, शब्बीर अहमद विद्रोही, रमन ठवकर व चिंटू महाराज के नेेतृत्व में जिलाधीश कार्यालय पहुंचा। मोर्चे में बड़ी संख्या में पूर्व नागपुर से महिलाएं पहुंची थीं। महिलाएं सरकार व प्रशासन को कोस रही थीं। जिलाधीश के आदेश पर तहसीलदार संतोष खांडरे ने गेट पर आकर निवेदन स्वीकार किया।

सैकड़ों लोगों ने आवेदन दिए : भरतवाडा के नव कन्यानगर, आेम साईंराम सोसायटी, हिंदुस्तान सोसायटी, विनस सोसायटी, जूना पारडी, विजय नगर के लोगों ने आरोप लगाया कि बाढ़ के पानी से काफी नुकसान हुआ, लेकिन अभी तक पंचनामें नहीं हुए हैं। इसी तरह कामठी रोड सैलानी नगर, मानकापुर न्यू लुंबिनीनगर के लोगों ने जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर नए सिरे से आवेदन कर क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। ये लोग जिलाधीश कार्यालय परिसर में बैठकर नए सिरे से प्रशासन को आवेदन दे रहे हैं। मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने आवेदन दिए, लेकिन इन्हें हुए नुकसान के पंचनामे होंगे या नहीं इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

जिलाधीश कार्यालय में भटक रहे पीड़ित : अधिकारी कब आएंगे, इसकी पूर्व सूचना नहीं होने से कई पीड़ित पंचनामे से वंचित रह गए। इसी तरह रिश्तेदारों की मौत होने व तबीयत खराब होने से कई पी़ड़ित पंचनामें के वक्त घर में मौजूद नहीं थे। अब ये पीड़ित जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर संबंधित अधिकारी, पटवारी से मिलना चाहते हैं, लेकिन इन्हें यहां कोई मदद नहीं कर रहा। तहसीलदार कार्यालय से भी कोई मदद नहीं मिल रही। बस एक ही जवाब दिया जा रहा है कि आवेदन करो। पंचनामा होगा या नहीं, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। स्टाफ नहीं होने का रोना रोया जा रहा है।

Created On :   4 Oct 2023 11:48 AM IST

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