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मध्याह्न भोजन की चिंता नहीं, चावल आपूर्ति को एफसीआई की मंजूरी
- सितंबर तक 82,273 टन चावल आपूर्ति को एफसीआई की मंजूरी
- 40 हजार मीट्रिक टन सप्लाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए विदर्भ के 11 जिलों में 82,273 मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति को एफसीआई ने मंजूरी दी है। इस चावल से सितंबर के अंत तक मध्याह्न भोजन दिया जा सकेगा। सरकारी तथा स्थानीय निकाय संचालित स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल में मध्याह्न भोजन दिया जाता है। कुछ स्कूलों में रसोइया और सहायक भोजन बनाकर विद्यार्थियों को देते हैं और कुछ स्कूलों में सेंट्रल कीचन से आपूर्ति की जाती है।
40 हजार मीट्रिक टन सप्लाई
मध्याह्न भोजन के लिए प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत एफसीआई के माध्यम से स्कूलों को चावल आपूर्ति की जाती है। सितंबर तक के लिए चावल सप्लाई को मंजूरी दी गई है। 40 हजार मीट्रिक टन चावल स्कूलों में पहुंचा दिया गया है, शेष 42,273 मीट्रिक टन चावल जल्द ही पहुंचाया जाएगा। कक्षा प्रथम से 5वीं के विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन 100 ग्राम और 6वीं से 8वीं के विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन 150 ग्राम चावल स्कूलों को दिया गया है।
पहले दिन से मध्याह्न भोजन : आगामी 30 जून से स्कूल खुलने जा रहे हैं। पहले ही दिन से विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन मिलेगा। जिले में 2749 स्कूलों को शालेय पोषण आहार योजना का लाभ दिया जाता है। कक्षा पहली से 8वीं के 3 लाख 5 हजार विद्यार्थी मध्याह्न भोजन के लाभार्थी हैं। चावल के अतिरिक्त अन्य सहायक सामग्री तेल, मिर्च, दाल, मसाले, नमक आदि की सप्लाई करने की जिम्मेदारी श्रीकृष्ण एसोसिएट्स को दी गई है। जल्द ही सहायक सामग्री स्कूलों को पहुंचाई जाने वाली है।
ईंधन, सब्जी स्कूल की जिम्मेदारी : मध्याह्न भोजन के लिए ईंधन व सब्जी खरीदी की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रबंधन कमेटी पर है। प्राथमिक शिक्षण संचालनालय पुणे से खरीदी के लिए अनुदान दिया जाता है। पहली से 5वीं के प्रति विद्यार्थी 2.08 रुपए और 6वीं से 8वीं कक्षा के प्रति विद्यार्थी पर 3.11 रुपए अनुदान देय है। पहली से 5वीं कक्षा के प्रति विद्यार्थी 50 ग्राम और 6वीं से 8वीं के प्रति िवद्यार्थी को 75 ग्राम सब्जी खरीदी का खर्च मिलता है।
मानधन में वृद्धि : स्कूलों में मध्याह्न भोजन पकाने व विद्यार्थियों को परोसने की जिम्मेदारी संभालने वाले रसोइया व सहायक के मानधन में वृद्धि की गई है। पहले डेढ़ से दो हजार रुपए मानधन दिया जाता था। अब ढाई हजार रुपए कर दिया गया है। जिले में 3900 रसोइया तथा सहायक हैं। मानधन बढ़ाने की लंबे समय से मांग चल रही थी।
Created On :   11 Jun 2023 8:20 PM IST